Ndrf के सामने , बिपरजॉय नही कर पाया जॉय
यह सच है तूफान बिपरजॉय हार गया भारत जीत गया , दुनिया का सबसे ताकतवर देश कहे जाना वाला अमेरिका सन्न है की भारत में सिर्फ दो लोगो की ही मौत हुई , बिपरजॉय से तीन गुना ज्यादा ताकतवर तूफान 1400 सदी में आया था तब द्वारिका डूब गई थी।
बिपरजॉय का मतलब है विध्वंसक , यह नाम बांग्लादेश ने दिया। गुजरात बच गया , मानव तबाही कम हुई या न के बराबर हुई मगर तबाही तो हुई है।
80000 पोल केवल कच्छ में गिरे है, 450 से जयादा पक्षी मारे गए मगर शेर बच गए। सड़के बर्बाद है जब पानी हटे तो सही नुकसान का आकलन हो ,बिपरजॉय पांच लाख टन नमक लील गया , पेड़ से रास्ते बंद है , सेना का मोमेंट , सड़क मार्ग बंद होने की वजह से धीमा है, 8000 गांव में बिजली नहीं है इसलिए पीने का पानी की भी तकलीफ होगी, पेड़ और होर्डिंग्स उखड़े, अकेले कच्छ में ही 33,000 हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हुई है, अब NDRF के जवान इन सब को हटाने में लगे हुए हैं, बिपर तो जॉय करके चला गया अब उसे चिढ़ाने के लिए NDRF की टीम लगी है , यह वही टीम है जिसने तुर्किय को संभाला , आज अगर यह न होती तो तबाही आकलन करना मुश्किल होता इतनी तबाही होती।
गुजरात को तहस-नहस कर चक्रवात बिपरजॉय अब राजस्थान की ओर बढ़ गया है। । अत्यधिक बारिश से कच्छ और सौराष्ट्र में अधिकतर इलाके डूब गए हैं। 23 लोग घायल हुए हैं और ये वो घायल लोग हैं जिन्होंने सरकार को सुना नहीं और अपनी मर्जी चलाई।
करीब 20000 करोड़ के नुकसान का अनुमान है। 140 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से आई हवाओं ने करीब 800 मड हाउस को तबाह कर दिया। बिजली व्यवस्था चरमरा गई है। सड़कों पर गिरे पेड़ों का अंबार लगा है। कई गांवों तक पहुंचा नहीं जा सकता क्योंकि कीचड़ बहुत हो गया है। 2001 में भूकंप जैसी भीषण विपदा का सामना करने वाले कच्छ के लोग बिपरजॉय का मंजर देखकर दहल गए। तूफान ने 1998 के कांडला साइक्लोन की याद ताजा करा दी।
चक्रवात बिपरजॉय के बारे में जब वहां के स्थानीय लोगो से पूछताछ की गयी तो उन्होंने बताया कि हमें ऐसा लगा कि जैसे हमारी छत पर हेलिकॉप्टर लैंड किया है। पूरे घर में सबकुछ हिल रहा था और हवा की रफ्तार इतनी तेज कि कुछ सुनाई नहीं दे रहा था। हमें डर था कि कहीं हमारा घर न उड़ जाए, किसी ने बताया कि यहां 522 बोट्स थीं जिनमें से 452 डैमेज हो गई हैं। एक तरफ गुजरात में चक्रवात कहर बरपा रहा था, तो वहीं शेल्टर होम्स में शरण लिए लोग बस दुआ कर रहे थे कि वे जिंदा बच गए। ताकि वो अपनी जिंदगी फिर से शुरू कर सके।
गुजरात में चक्रवात के चलते बंदरगाह बंद हैं। सात जिलों में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अनुसार, 5000 करोड़ रुपये का कारोबार थम गया है।
बिजली गुल होने से अस्पतालों में भी परेशानी रही। तकनीकी दिक्कतों के बावजूद हेल्थ वर्कर्स ने गजब जज्बा दिखाया। बहुत सारी गर्भवती महिलाएं तो तूफान में अस्पताल नहीं आ सकती थीं। कुछ के लिए 108 एम्बुलेंस को ही मेकशिफ्ट मैटर्निटी होम बना दिया गया। राज्य भर में 1,152 से ज्यादा गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया था। जिनमे से 707 महिलाओं ने अस्पतालों में बच्चे को जन्म दिया।