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पर्यटन नीति-2022 में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए हॉस्पिटेलिटी सेक्टर में बड़े पैमाने पर छूट देने का प्राविधान – जयवीर सिंह

पर्यटन नीति-2022 में सेवा सेक्टर को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से हेरिटेज पर्यटन इकाईयों को विभिन्न प्रकार की वित्तीय प्रोत्साहन, सब्सिडी एवं छूट के प्राविधान किये गये हैं। इसके तहत पूंजीगत निवेश पर सब्सिडी, ब्याज सब्सिडी, स्टैम्प ड्यूटी से छूट, भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क आवश्यक होने पर निःशुल्क आबकारी लाइसेंस शुल्क तथा इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएंगी।

प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि पंजीकृत हेरिटेज इकाई के मूल स्वरूप/वाह्य संरचना में बिना बदलाव लाये इकाई के संरक्षण विस्तार, रेनोवेशन तथा रेट्रोफिटिंग आदि के लिए पूंजीगत निवेश के 25 प्रतिशत तथा अधिकतम 05 करोड़ रूपये की सब्सिडी प्रदान की जायेगी। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित होने वाले हेरिटेज होटलों के परिसर में बार लाइसेंस हेतु लाइसेंस शुल्क में 50 प्रतिशत प्रतिपूर्ति किये जाने का प्राविधान किया गया है।

इसी प्रकार पर्यटन नीति में पात्र इकाईयों को हेरिटेज इकाई के मूल स्वरूप से छेड़छाड़ किये बिना बदलाव लाये जाने के लिए अधिकतम 05 करोड़ ऋण पर 05 वर्ष तक 05 प्रतिशत तक का ब्याज अनुदान दिया जायेगा। हेरिटेज होटल की स्थापना अथवा विस्तार के लिए एक ही व्यक्ति के स्वामित्व के अधीन कोई भवन और उससे लगी हुई भूमि क्रय की जाती है तो सम्पूर्ण स्टैम्प ड्यूटी पर्यटन विभाग द्वारा सब्सिडी के रूप में दी जायेगी।

मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि पर्यटन नीति मंे भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क में पर्यटन नीति के तहत हेरिटेज होटल की स्थापना हेतु भू-उपयोग परिवर्तन आवश्यक होने पर परिवर्तन निःशुल्क किये जाने का प्राविधान किया गया है। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार हेरिटेज होटल तक सर्वऋतु मार्ग तथा अतिक्रमणमुक्त लिंक रोड की व्यवस्था करायी जायेगी। निरंतर विद्युत आपूर्ति हेतु विद्युत सब स्टेशन ट्रांसफार्मर की व्यवस्था की जायेगी तथा आकर्षक संकेतक लगाये जाएंगे।

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