कोरोना का असर त्योहारों पर भी, दही-हांडी तोड़ने का नजारा थोड़ा अलग दिखा

कोरोना वायरस के चलते ना सिर्फ आम लोगों का जनजीवन प्रभावित हुआ है और रहन-सहन भी पहले के मुकाबले अब बदल चुका है। इसका असर त्योहारों पर भी देखने को मिल रहा है। जन्माष्टमी के मौके पर मुंबई में मानव श्रृंखला बनाकर दही-हांडी तोड़ने का जो मनोरम दृश्य देखने को मिलता था, वहां इस बार का नजारा थोड़ा अलग दिखा। कोरोना संक्रमण की आशंकाओं के बीच बुरी तरह प्रभावित मुंबई में गोविदाओं की मानव श्रृंखलाएं इस बार नहीं दिख रही हैं। इसकी जगह सीढ़ी लगाकर दही-हांडी तोड़ी जा रही है। इन तस्वीरों को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जन्माष्टमी के दौरान जहां गोविंदाओं को टोली दिखती थी और जिस तरह एक के ऊपर दूसरे चढ़े होते थे इस बार वह दृश्य गायब रहा।
जन्माष्टमी के इस खास मौके पर राजनेताओं ने देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव''जन्माष्टमी''के अवसर पर देशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। कोविंद ने बुधवार को ट्वीट के जरिए दिए बधाई संदेश में कहा - जन्माष्टमी के अवसर पर शुभकामनाएं। उन्होंने लिखा है - निष्काम कर्म के अपने संदेश में योगेश्वर श्री कृष्ण ने परिणाम की चिंता किए बिना कर्म पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया है। यह भावना हमारे सभी कोरोना योद्धाओं के कार्य में झलकती है। यह पर्व सभी के जीवन में स्वास्थ्य और समृद्धि का संचार करे। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने देशवासियों को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए उनके सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना की है। नायडू ने जन्माष्टमी के अवसर पर बुधवार को जारी एक संदेश में कहा - श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर देशवासियों को हार्दिक बधाई! यह दिन आपके और आपके स्वजनों के जीवन में खुशहाली, उल्लास, स्वास्थ्य और समृद्धि लाए। उन्होंने कहा कि इस वर्ष जन्माष्टमी उत्सव को परंपरागत आस्था के साथ घर पर ही रह कर सावधानी से मनाएं। सावधान रहें, स्वस्थ रहें, सुरक्षित रहें। श्रीकृष्ण हमारी लोक चेतना के केन्द्र में हैं और हमारी लोक कलाओं, लोक कथाओं, लोक नृत्यों और संगीत के नायक हैं।
वे महाभारत के केंद्र में हैं। गीता के महान दर्शन के प्रतिपादक हैं। कृष्ण सूरदास के बालसखा हैं। रसखान की भक्ति में हैं। मीरा का प्रेम हैं। हमारी संस्कृति में श्री कृष्ण पूर्ण पुरुष हैं। योगेश्वर श्रीकृष्ण की दिव्य विराटता में तीनों गुणों का योग है। ज्ञान योग, कर्म योग और भक्ति योग उन्हीं की विराटता के आयाम हैं। निष्काम कर्म के अधिष्ठाता देवता श्रीकृष्ण आसक्ति और आस्तिकता के अंतर में व्याप्त हैं।
नायडू ने कहा कि विष्णु के आठवें अवतार भगवान कृष्ण का जीवन कर्तव्य पालन का संदेश देता है। उनके समस्त जीवन की लीलाएं कर्तव्य पालन की ओर संकेत करती हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा - इस पवित्र अवसर पर हम सभी अपने कर्तव्य पालन का संकल्प लें और उचित रास्ते पर चलें। यह पर्व हमारे देश में सुख , समृद्धि , स्वास्थ्य और सद्भावना लेकर आए।