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जमरानी बांध परियोजना से यूपी और उत्तराखंड की सिंचाई और पेयजल की जरूरतें होगी पूरी |

उत्तराखंड के जमरानी बांध परियोजना को लेकर अटकलें दूर हो गई हैं. जल्द ही जमरानी बांध परियोजना पर काम शुरू होगा. सभी तरह की स्वीकृतियां बांध के निर्माण को लेकर मिल चुकी हैं। जमरानी बांध परियोजना से उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश की लाखों की आबादी का गला तर होगा। साथ ही खेतों की प्यास भी बुझेगी। जमरानी बांध से नहरों के जरिये यूपी के बरेली और रामपुर जिले तक पानी पहुंचना है। इसके लिए यूपी सरकार बांध के निर्माण में 600 करोड़ रुपये का सहयोग करेगी। यह धनराशि बांध और नहरों के निर्माण के साथ ही प्रभावितों के पुनर्वास पर खर्च किए जाएंगे। जमरानी बांध परियोजना के निर्माण में 2584.10 करोड़ का खर्च आना है। इस पर वित्त मंत्रालय की ओर से अंतिम मुहर लगने का इंतजार है। सिंचाई से संबंधित कार्यों के लिए पीएमकेएसवाई की ओर से 90 प्रतिशत धनराशि खर्च की जानी है जबकि शेष कार्यों के लिए यूपी और उत्तराखंड सरकार धनराशि देंगे। परियोजना के निर्माण में यूपी सरकार का 600 करोड़ रुपया अंश निर्धारित किया गया है जबकि शेष खर्च उत्तराखंड सरकार वहन करेगी। परियोजना प्रबंधक हिमांशु पंत ने बताया कि बांध परियोजना के निर्माण में जितनी लागत आएगी उसमें यूपी सरकार भी शेयर होल्डर रहेगी। यूपी सरकार 600 करोड़ रुपये देगी। इस धनराशि को बांध और नहर के निर्माण के साथ ही पुनर्वास कार्यों में भी खर्च किया जाएगा। जमरानी बांध परियोजना से यूपी और उत्तराखंड की कुल 150302 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी। इसमें उत्तराखंड की 34720 हेक्टेयर और उत्तर प्रदेश की 115582 हेक्टेयर भूमि शामिल है। उत्तरप्रदेश की सिंचाई के लिए 61 मिलियन क्यूबिक मीटर और उत्तराखंड की सिंचाई के लिए 38.6 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलेगा। परियोजना को वर्ष 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत 57065 हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई के साथ-साथ हल्द्वानी शहर को वर्ष 2055 तक 42 एमसीएम पेयजल उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था है। परियोजना से हर साल 63 मिलियन यूनिट बिजली पैदा होगी।

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