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इजराइल ने फिलिस्तीन को दी धमकी, जानें पूरा मामला  

रूस और यूक्रेन के बीच जंग पिछले 17 महीनों से जारी है अभी तक इस जंग का कोई नतीजा नही निकला है और अभी हाल फिलहाल ऐसा कुछ लग भी नही रहा है कि जिससे ये जंग रुक जाएगा। इजराइल और फिलिस्तीन के बीच तनाव फिर बढ़ गया है। फिलिस्तीन के कब्जे वाले इलाके से आतंकी संगठन हमास इजराइल पर हमले कर रहा है। इजराइल की तरफ से जवाबी हमले किए जा रहे हैं। अब इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक बार फिर हमास और उसके मददगारों को वॉर्निंग दी है। नेतन्याहू ने कहा- अगर किसी ने इजराइली नागरिकों की जान ली तो फिर उसे अंजाम भी सोच लेना चाहिए। उसे या तो जेल मिलेगी या फिर मौत। हमारे नागरिकों के कातिलों को बख्शने का तो सवाल ही नहीं है।

याद रहे कि सेना के कुछ दिन पहले ही एक ऑपरेशन में करीब 12 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई थी , वहीं 100 से ज्यादा घायल हुए। इस रेड के दौरान एक इजराइली सैनिक की भी मौत हो गई थी। अल जजीरा ने बताया कि इजराइल के ऑपरेशन ने जेनिन में रिफ्यूजी कैंप को तबाह कर दिया। बता दे कि गाजा पट्टी से इजराइल पर मिसाइल फायर की गई थी। हमलों को देखते हुए सदर्न इजराइल में अलर्ट सायरन बजाया गया था और आयरन डोम को एक्टीवेट कर दिया गया था। इजराइली मिलिट्री ने गाजा से आए 5 रॉकेट को मार गिराने की पुष्टि की थी। इसके बाद सेना ने गाजा पट्टीऔर हमास के ठिकानों पर दोबारा एयरस्ट्राइक की। इलाके में मौजूद घर, सड़कों और कारों का मलबा हर जगह फैल गया था।

फिलिस्तीनी लीडर्स ने इजराइल के हमलों को कब्जे की कोशिश करार दिया है। हमास लीडर ओसामा हमदान ने कहा- तेल अवीव में अटैक के लिए इजराइली सेना खुद जिम्मेदार है। उन्होंने जेनिन में जो अपराध किया, ये उसी का नतीजा है। इससे पहले फिलिस्तीन के आतंकी संगठन ने इजराइल को तबाह करने की धमकी दी थी।

अगर हम इसके इतिहास के बारे में बात करे तो 1948 में इजराइल के जन्म के बाद भी फिलिस्तीन से उसका संघर्ष हर स्तर पर जारी रहा। इजराइल को जब लगा कि डिप्लोमैटिक लेवल पर वो फिलिस्तीन के सामने कमजोर पड़ रहा है, तो 1970 के दशक में उसने फिलीस्तीन के एक कट्टरपंथी संगठन को उदारवादी फिलिस्तीन नेताओं के विरोध में खड़ा कर दिया। इसको नाम दिया गया हमास। हालांकि, हमास की औपचारिक स्थापना 1987 में मानी जाती है।

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