इसरो जाएगा चाँद और सूरज पर
मित्रों ख़बरों की माने तो पता लगा है की भारत की स्पेस एजेंसी इसरो अपने अतिमहत्वपूर्ण एवं महत्वाकांक्षी योजनाओं को अंतिम रूप देने में लगी है और जल्द ही इनका प्रक्षेपण भी हो सकता है।
कौन सी है ये योजनाएं ?
चंद्रयान 2 जो की वर्ष 2019 में चाँद पर भेजा गया था उसके लैंडर वाले हिस्से यानि उपग्रह का वो यान जिसे की चन्द्रमा की सतह तक पहुंच कर वह पर एक यान को सुरक्षित उतरना था, वो अपने किसी तकनिकी समस्या के कारण विफल रहा था। उसी लैंडर को अब चंद्रयान 3 नाम के नए योजना के तहत फिर से चन्द्रमा पर भेजने की तैयारी हो रही है।
यदि सब कुछ योजनानुसार हुआ तो ये इसी वर्ष जुलाई माह के पहले सप्ताह तक उड़ान भर सकता है। अगली योजना सूर्य पर जाने की है। शाब्दिक रूप से नहीं बल्कि वैज्ञानिक रूप से। भारत ने अपने पहले सौर उपग्रह जिसका की नाम आदित्य 1 रखा गया है, उसे लगभग पूरी तरह तैयार कर लिया है। इसे चंद्रयान 3 के प्रक्षेपण के कुछ समय उपरांत ही प्रक्षेपित किया जा सकता है और हो सकता है ये भी जुलाई महीने में ही प्रक्षेपित हो जाये।
क्या है खास इन दोनों मिशन में ?
चंद्रयान 3 एक तरीके से चंद्रयान 2 का ही पुनः प्रक्षेपण है परन्तु इस बार सिर्फ इसके लैंडर को ही भेजा जाएगा और इसे चन्द्रमा पर सॉफ्ट लैंड करवाया जाएगा। मुख्य रूप से इसका कार्य चन्द्रमा के क्रेटर्स और दक्षिणी ध्रुव पर पानी और खनिजों का पता लगाना है। इस पर कुछ खास प्रकार के उपकरण भी होंगे जो इसको चन्द्रमा की सतह का अध्ययन करने में मदद करेंगे।
वहीं आदित्य 1 भारत का पहला सौर उपग्रह है जिसे की सूर्य से निकलने वाली गैस और इसके आसपास मौजूद वातावरण के अध्ययन के लिए बनाया गया है। इसे धरती एवं सूर्य के बीच एक खास कक्षा में स्थापित किया जाएगा ताकि ये निरंतर सूर्य की सतह की स्थिति का निरंतरता के साथ अध्ययन कर सके और उस जानकारी को बिना किसी अवरोध के धरती तक भेज सके।