Jobs in Space : चंद्रयान-3 की सफल होने से, देश में पैदा हुईं 45,000 नौकरियां ?
Jobs in Space : चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के साथ ही भारत अंतरिक्ष में अपनी ताकत साबित करने वाले दुनिया के शीर्ष 4 देशों में शामिल हो गया है। चंद्रयान-3 की सफलता ने दुनिया का ध्यान इसके किफायती बजट की ओर खींचा हैं जो हर कसी को अचरज में डाल रहा हैं।
हॉलीवुड फिल्मों से भी कम बजट में चांद पर पहुंच गया भारत, अब इस अभियान की सफलता के बाद पूरी दुनिया की निगाहें उम्मीद से भारत पर टिकी हैं, चंद्रयान 3 का बजट कम होने के कारण इसरो के इस मिशन में अमेरिका, चीन, रूस समेत दुनियाभर के देशों की दिलचस्पी बढ़ गई है।
चंद्रयान की सफलता के बाद अब दूसरे विषयों पर भी चर्चा हो रही है, गूगल ट्रेंड्स के मुताबिक, 23 अगस्त को (चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर उतरने के 26 मिनट बाद) भारत में ‘अंतरिक्ष’ शब्द की इंटरनेट खोजों की संख्या बढ़ गई।
स्पेस करियर’ जैसे सर्च कीवर्ड भी 23-24 अगस्त के आसपास बढ़ गए
‘स्पेस’ के साथ-साथ ‘स्पेस जॉब्स’, ‘इसरो जॉब्स’ और ‘स्पेस करियर’ जैसे सर्च कीवर्ड भी 23-24 अगस्त के आसपास बढ़ गए। इसका मतलब है कि चंद्रयान 3 ने हजारों भारतीयों, ज्यादातर छात्रों को अंतरिक्ष उद्योग में करियर पर विचार करने के लिए मजबूर किया है।
हैरानी की बात यह है कि इसरो के हालिया नोट में एक बड़ा खुलासा हुआ है। उन्होंने कहा कि इसरो और इससे जुड़े निजी क्षेत्र की चल रही गतिविधियों से देश में हजारों नौकरियां पैदा हुई हैं।
यह स्पष्ट है कि चंद्रयान 3 की सफलता भारतीय निजी अंतरिक्ष क्षेत्र में अधिक नौकरियां पैदा कर सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक, देश में एक दर्जन से अधिक कंपनियां और 500 से अधिक छोटे और मध्यम उद्योग हैं जो रक्षा और एयरोस्पेस से संबंधित व्यवसाय में लगे हुए हैं।
इसरो वर्तमान में और अधिक अंतरिक्ष अभियानों पर काम कर रहा है या लॉन्च करने वाला है। ऐसे में इस सेक्टर में ज्यादा नौकरियां पैदा होंगी।
Jobs in Space : जानिए नौकरियों को लेकर इसरो ने क्या कहा?
फाइनेंशियल एक्सप्रेस के मुताबिक, भारत में अंतरिक्ष उद्योग में कितनी नौकरियां पैदा होती हैं, इसकी कोई रिपोर्ट नहीं है। इसरो ने हालिया नोट में कहा कि उसके निरंतर मिशनों ने 500 से अधिक एमएसएमई, पीएसयू और बड़े निजी उद्यमों के साथ एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है।
भारत अंतरिक्ष कार्यक्रम में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है । इसरो ने अपने नोट में आगे कहा कि अंतरिक्ष उद्योग की भागीदारी ने देश में लगभग 45,000 लोगों के लिए नौकरियां पैदा की हैं। इससे रक्षा विनिर्माण, दूरसंचार, सामग्री, रसायन और इंजीनियरिंग जैसे कई क्षेत्रों को लाभ हुआ है।
‘इन’ उद्योगों में बड़ी संख्या में नौकरियां
आईआईटी जोधपुर के प्रोफेसर अरुण कुमार ने फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट में कहा कि इसरो के अलावा नए स्टार्ट-अप के आने से अंतरिक्ष उद्योग में कई नौकरियां हैं।
उन्होंने कहा कि छात्रों को यह ध्यान रखना चाहिए कि अंतरिक्ष उद्योग से संबंधित नौकरियां मिसाइल, रडार और रक्षा क्षेत्रों में हैं। यदि वे अंतरिक्ष उद्योग में नौकरी पाने में सक्षम नहीं हैं, तो उन्हें संबंधित उद्योगों में नौकरियां मिलेंगी।
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