जानिए कब है हरतालिका तीज? जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व के बारे मे

हरितालिका तीज का महत्व और पूजन विधि का विवरण बहुत ही महत्वपूर्ण है, और यह त्योहार हिन्दू समाज में विशेष आदर और भक्ति के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार महिलाओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है, जिनके द्वारा व्रत रखकर वे अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं और अविवाहित लड़कियां भविष्य के सुयोग्य पति के लिए प्रार्थना करती हैं।
हरितालिका तीज का व्रत निर्जला व्रत होता है, जिसका मतलब है कि व्रती एक दिन के लिए निर्जल (बिना पानी पीने) रहते हैं। व्रत की पूरी ध्यान और भक्ति के साथ किया जाता है, और पूजा में शिव और पार्वती के मूर्तियों का आदर किया जाता है।
हरितालिका तीज की पूजा विधि में निम्नलिखित कदम शामिल होते हैं:
पूजा स्थल की तैयारी: पूजा स्थल को साफ-सुथरा करें और उसे धूप और दीपों से सजाएं।
पूजा सामग्री:
व्रती को पूजा के लिए आवश्यक सामग्री जैसे कि फूल, दीपक, कर्पूर, गंध, अक्षत, फल, मिठाई, और नैवेद्य की तैयारी करनी चाहिए।
मंत्र और प्रार्थना:
पूजा के समय भगवान शिव और देवी पार्वती के मंत्र जैसे कि “उमामहेश्वरसायुज्य सिद्धये हरितालिका व्रत महा करिष्ये” का उच्चारण करें और उनके सामने आरती उतारें।
व्रत कथा:
हरितालिका व्रत कथा का पाठ करें जिसमें देवी पार्वती की भक्ति और व्रत के महत्व का वर्णन होता है।
व्रत खोलना:
व्रत की समापन में उपवास को तोड़ने के लिए देवी पार्वती को हलवा या मिठाई का भोग लगाएं।
रात्रि में जागरण:
कुछ लोग हरितालिका तीज के दिन रात्रि में जागरण करते हैं, जिसमें भजन-कीर्तन और भक्ति गीत गाए जाते हैं।
व्रत खोलने का समय:
व्रत को निर्जल से खोलने का समय उदय होने के बाद होता है।
हरितालिका तीज का व्रत विधिवत रूप से मनाने से व्रती को अपने इच्छित लक्ष्य की प्राप्ति में मदद मिलती है, और यह त्योहार महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण सामाजिक और धार्मिक आयोजन होता है।
हरतालिका तीज व्रत 2023 (Hartalika Teej Vrat timing and date)
त्यौहार का नाम | हरतालिका तीज |
दिनांक | 18 सितंबर |
पूजा मुहूर्त 2023 | 18 सितंबर सुबह 6:05 बजे से 8:34 बजे तक |
तिथि | भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि |
आराध्य | भगवान शिव |
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