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जानिये क्यों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से डरते है अमिताभ बच्चन ?

जानिये क्यों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से भी लगता है डर अमिताभ बच्चन को?

परिचय

भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के एक महान अभिनेता, अमिताभ बच्चन का नाम हर कोई जानता है। उनका जन्म 11 अक्टूबर, 1942 को हुआ था, और वह भारतीय सिनेमा के इतिहास के महानायक हैं। उन्होंने अपने करियर में कई प्रमुख पुरस्कार जीते हैं, जैसे कि दादासाहेब फाल्के पुरस्कार, तीन राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार, और बारह फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार भी सम्मिलित हैं। उनके नाम सर्वाधिक सर्वश्रेष्ठ अभिनेता फ़िल्मफेयर अवार्ड का रिकार्ड भी है।

अमिताभ बच्चन को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से डर

एक खास जानकारी के अनुसार, काफी हल्के दिल से जाने जाने वाले केबीसी के एक एपिसोड में अमिताभ बच्चन ने एक बड़ा राज़ खोला। उन्होंने कहा कि उन्हें (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) AI से डर लगता है। आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि एक व्यक्ति जैसे कि अमिताभ बच्चन को कैसे AI से डर सकता है, लेकिन उनके द्वारा दिए गए कारणों का विचार करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

Amitabh Bachchan का कहना है कि उन्हें डर है कि कहीं उन्हें होलोग्राम में न बदल दिया जाए। यह सोचकर वे डरते हैं कि क्या आगामी दिनों में AI उनकी जगह ले सकता है। जब AI तकनीक और तरीकों में नए कदम बढ़ा रहा है, तो यह सवाल तो ख़ुद बख़ुद उठ आता है कि क्या यह संभव है?

चिराग अग्रवाल का नजरिया

अभी हाल ही में अहमदाबाद के रहने वाले चिराग अग्रवाल, जो अमिताभ बच्चन के साथ हॉट सीट पर बैठे थे, ने इस विवादपूर्ण विचार का उल्लंघन किया। वे कहते हैं कि ऐसा नहीं है कि AI सिर्फ लेबर जॉब्‍स पर कब्जा करेगा।

Chirag ने अपने जवाब में कहा कि आने वाले वक्त में AI क्रिएटिव लोगों की भी जॉब खा जाएगा। उनका मानना है कि हो सकता है कि आपकी जगह होलोग्राम यूज किया जा रहा हो।

एआई का बढ़ता प्रभाव

AI का प्रभाव बढ़ रहा है, और यह केवल श्रमिकों के लिए ही नहीं है। क्रिएटिव इंडस्ट्री में भी इसका प्रभाव हो रहा है।

AI का प्रभाव देखने के लिए हमें आपको यहां कुछ उदाहरण दिखाते हैं।

  1. गाना और संगीत: AI कला संगीत का नया रूप लेकर आ रहा है, जिसमें AI गायक और संगीतकार के रूप में काम कर रहा है।
  2. सिनेमा: AI फ़िल्मों के निर्देशन में भी योगदान कर रहा है, जैसे कि सीन सीलेक्शन और विशेष प्रभावों के लिए।
  3. लेखन: AI वाणिज्यिक लेखकों के लिए लेखन कर रहा है, जैसे कि वेब लेखन और साहित्यिक काम।

इन उदाहरणों से हमें यह सिखने को मिलता है कि AI का प्रभाव सिर्फ श्रमिकों के लिए ही सीमित नहीं है, बल्कि यह क्रिएटिव लोगों के लिए भी बड़ा हो सकता है।

निष्कर्ष

इस लेख में हमने जाना कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से भी लगता है डर अमिताभ बच्चन को। हमने उनके और चिराग अग्रवाल के दृष्टिकोण को जाना और AI के प्रभाव को बढ़ते हुए होने के संकेत के रूप में देखा।

AI की आगामी बढ़ती तकनीक से जुड़कर हमें यह सोचना होगा कि कैसे हम इसके साथ सहयोग कर सकते हैं और अपनी क्रिएटिविटी को बढ़ा सकते हैं, ताकि यह एक सकारात्मक परिवर्तन हो सके।

पूछे जाने वाले प्रश्न

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न 1: अमिताभ बच्चन ने किन-किन पुरस्कारों को जीता है?

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न 2: केबीसी में AI के बारे में वार्ता कैसे आई?

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न 3: अमिताभ बच्चन ने AI के संदर्भ में कौन-कौनसी चिंताएं व्यक्त की?

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न 4: चिराग अग्रवाल ने अमिताभ बच्चन की चिंताओं का कैसे जवाब दिया?

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न 5: AI क्रिएटिव पेशेवरों पर कैसे प्रभाव डाल सकता है?

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