कोणार्क का चक्र, क्या गजब की चीज
G-20 संम्मेलन समाप्त हो चूका है , इस सम्मलेन का मुख्य आकषर्ण था कोणार्क का चक्र जो की कोणार्क के सूर्य मंदिर की पथरीली कलाकृतियों के लिए जाना जाता है से लिया गया हैं।
असल में यह मंदिर सूर्य के विशालकाय रथ की तरह बनाया गया है. जिसे सात घोड़े खींचते हैं. जिसमे 12 जोड़ी पहिए लगे हैं, यानी कुल मिलाकर 24 पहिए. हर पहिए पर मनमोहक नक्काशी है.अगर पहियों के एक्सेल के बीच में उंगली रखते हैं, तो आपकी उंगली की परछाईं आपको एकदम सही समय दिखा देगी।
लेकिन यह पहिए सिर्फ पहिये नहीं हैं यह हमारी जीवनचर्या जो वैज्ञानिक दृषिकोण रूप लिए हुए है को दर्शाते हैं.यह पहिए बताते हैं कि कैसे पूरी दुनिया सूर्य की ऊर्जा से चलती है, यहां मौजूद हर पहिए का व्यास यानी डायमीटर 9.9 फीट है, . हर पहिए में आठ मोटी और आठ पतली तीलियां हैं,कोणार्क के सूर्य मंदिर हमेशा से आकर्षण और वैज्ञानिक का रहा है पहले यही पहिये वयक्ति को समय , ज्योतिष, राशि , दिवस आदि का ज्ञान करते थे।
सात घोड़े यानी हफ्ते के सात दिन, 12 पहिये यानी साल के बारह म,ने. जबकि इनका जोड़ा यानी 24 पहिए मतलब दिन का 24 घंटा. इसके अलावा 8 मोटी तीलियां 8 प्रहर यानी हर तीन घंटे के समय को दर्शाती हैं।
असल में इन पहियों को जीवन का पहिया कहा जाता है, इसमें यह भी पता चलता है कि सूर्यदेव कब दर्शन देंगे या उगेंगे हर पहिए में 8 मोटी तीलियां हैं. 8 पतली तीलियां हैं, हर तीली के बीच में 30 दाने बनाए गए हैं. हर दाना तीन मिनट का समय बताता है. जिससे तीन घंटा का समय बताता है। हर मोटी तीलियों के बीच में मौजूद पतली तीली डेढ़ घंटे का समय बताती हैं. यानी 90 मिनट. बीचों-बीच ऊपर की पर की तरफ जो मोटी तीली है, वो रात के 12 बजे का समय बताती है। 12 पहिए , 12 महीने को दर्शाते हैं . यह पहिए एक प्रकार सन डायल हैं. ताकि आप समय देख सको. 24 पहियों में से दो पहिए ऐसे हैं जो आपको समय बताते हैं, ये सूरज के उगने से लेकर सूरज के अस्त होने तक का पूरा समय बताते हैं।
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