मुख्यमंत्री पर्यटन विकास सहभागिता योजना की नीति के तहत पर्यटन स्थलों के विकास के लिए मा0 सांसदगण/विधानसभा सदस्य अपने निधि से प्रस्ताव दे सकेंगे – जयवीर सिंह
मुख्यमंत्री पर्यटन विकास सहभागिता योजना के अतंर्गत चयनित पर्यटन स्थलों के विकास के लिए वित्तीय व्यवस्था का नीति निर्धारण किया गया है। इसके तहत पर्यटन विभाग द्वारा संचालित इस योजना के अंतर्गत राज्य के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक अथवा एक से अधिक पर्यटन स्थल विकसित करने हेतु परियोजना विकास की न्यूनतम धनराशि 25 लाख रूपये तथा अधिकतम धनराशि 05 करोड़ रूपये तक होगी। पर्यटन विभाग द्वारा विभागीय गाइडलाइन्स/मार्गदर्शीय सिद्धांत से आच्छादित कार्यों हेतु आकलित परियोजना लागत धनराशि का अधिकतम 50 प्रतिशत (02 करोड़ 50 लाख रूपये तक) वित्तीय सहायता प्रदान की जायेगी।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि परियोजना लागत के अवशेष 50 प्रतिशत का वित्त पोषण संबंधित क्षेत्र के लोकसभा/राज्य सभा सांसद स्थानीय क्षेत्रीय विकास योजनान्तर्गत, विधानसभा/विधान परिषद क्षेत्र के मा0 विधायक विधानसभा/विधान परिषद द्वारा अपने विधायक निधि के अंतर्गत मार्गदर्शी सिद्धांत के अनुसार 50 प्रतिशत धनराशि का प्रस्ताव दे सकेंगे।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि इसके अलावा नगर निकायों, ग्राम पंचायतों द्वारा अपने निधियों के अंतर्गत तथा पौराणिक व धार्मिक स्थलों की प्रबंधन समिति/ट्रस्ट, जानी मानी स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा अपनी निधियों तथा कारपोरेट फर्म, वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अथवा निजी क्षेत्र की कम्पनियों द्वारा सीएसआर के अंतर्गत कन्वर्जेन्स प्रस्ताव दिया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार पर्यटन सेक्टर में रोजगार, निवेश तथा राजस्व अर्जन की असीमित संभावनाओं को देखते हुए प्रत्येक जनपद में स्थित विख्यात एवं अल्पविख्यात स्थलों का पर्यटन विकास करके देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए आधारभूत सुविधायें सुलभ कराने के लिए मुख्यमंत्री पर्यटन विकास सहभागिता योजना लेकर आई है।