ऐसा ग्रह जहां पत्थर भी पिघल जाये और पिघले लोहे ही बारिश हो
वैज्ञानिको ने एक ऐसे सुदूर ग्रह की जानकारी साझा की है जिसका औसत तापमान लगभग 2000 डिग्री सेंटीग्रेड है। इस तापमान पर पत्थर भी पिघल जाते हैं यहाँ तक की लोहा भी पिघल कर पानी जैसे बहने लगता है। इतना ही नहीं यहाँ बारिश भी लोहे की ही होती है।
इस परग्रह का नाम WASP-76b है और इसकी खोज वर्ष 2013 में की गयी थी। इसके अत्यन्त भीषड़ वातावरण ने वैज्ञानिको को कौतुहल में डाल दिया था। यह ग्रह एक दम अनोखा है और यहाँ इतने उच्च तापमान इस वजह से है क्योंकि ये अपने सूर्य से बेहद करीब है। ये ग्रह धरती से लगभग 634 प्रकाश वर्ष दूर है। हमारे सौरमंडल में जैसे बुध हमारे सूर्य से बेहद करीब है तो वही WASP-76b अपने सूर्य से बारह गुना करीब है।
वैज्ञानिको ने मुख्य रूप से 11 मटेरियल इसके वतरण में पाए हैं। ये सब ऐसे हैं जो पत्थरो में होते हैं। पर ये तत्त्व हमारे सौरमंडल के विशाल ग्रहो पर नहीं पायी जाती।