मनोरंजनहास्य

जूते में जीवन- पढियेगा जरूर

हमने उनसे पूछा क्या हुआ?

तो बोले जूते ने काट लिया।

हम हैरान परेशान… तो क्या “जूता” ‘काटता भी है’।

एक दिन हमने उन्हें जूते में तेल लगाते पाया। हमने पूछा क्या हुआ?

बोले ये “जूता”चूं चूं करता है।

कमाल है ‘जूता’ बोलता भी है’

एक दिन उन्हें कहते सुना कि फ़लांना तो बस “जूते” का यार है…

हम समझ गए कि

“जूते”तो दोस्ती भी करते हैं’।

कल चाचा जी बेटे को डांट रहे थे

कि तू तो “जूते” खाये बिना मानेगा नहीं।

तब पता चला कि

‘”जूते” खाये भी जाते हैं’, याने भूख मिटाते हैं।

होली में देखा कि एक मूर्ख को चुना जाता है और गधे पर बैठा कर गले में जूते का हार पहनाया जाता है

तब जा कर पता चला

मूर्खाधिराज को “जूतों” का हार पहना कर सम्मानित किया गया है।

कमाल है …. “जूते” सम्मान प्रदान करने के काम भी आते हैं’।

फुटबॉल में सबसे अधिक गोल स्कोर करने वाले खिलाड़ी को ‘गोल्डन बूट’ दिया जाता है।

वाह…. पुरस्कार में भी सोने का “जूता” दिया जाता है।

कल ही हमे किसी ने बताया कि
वेस्टर्न टेलीविज़न और मूवीज इंडस्ट्री में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता को “गोल्डन बूट अवार्ड” दिया जाता है।

समझ नहीं आया कि सम्मान अभिनेता का हो रहा है कि “जूते” का! जब किसी को मिर्गी का दौरा आता है
तब सब कहते हैं कि

“जूता” मंगवाओ और इसे “जूता” सुंघाओ।

तब ज्ञान मिला कि

“जूता”तो औषधी भी है’।

शादी में दूल्हे की सालियों ने दूल्हे के “जूते” चुराती हैं

उन्हें वापस करने के लिए रुपये मांगती है

ओह नो… “जूते” का ‘अपहरण भी हो जाता है’।

जूता काटता है, जूता बोलता है, जूता दोस्ती यारी करता है, जूता खाया जाता है। जूता सम्मान प्रदान करता है। जूता औषधी है और तो और जूते के अपहरण का भरा-पूरा व्यवसाय है।

पंडित जी ने बताया कि श्री भरत जी ने “राम” के “जूते” अर्थात खड़ाऊ
राजगद्दी पर विराजमान करके चौदह वर्षों तक अयोध्या का राजकाज चलाया।

जय हो “जूता” महाराज की जय हो।

और तो और माँ बाप अपने बच्चों की “पूजा” अक्सर “जूते” से ही करते हैं

तभी तो “जूता” पूज्यनीय माना गया है!

कुल मिलाकर मुझे तो लगता है कि ‘जूते में जीवन’ है।

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