यात्रा

दिल्‍ली का लोटस टेम्पल सुंदरता और पवित्रता का प्रतीक है।

लोटस टेंपल दिल्‍ली के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। यहाँ दूर दूर से पर्यटक घूमने आते है। दिल्‍ली का लोटस टेम्पल सुंदरता और पवित्रता का प्रतीक है।

यह मंदिर सभी धर्मो के लोगो के लिया खुला रहता है। मंदिर में किसी भी प्रकार के देवी-देवता की कोई मूर्ति नहीं है। न ही किसी प्रकार की पूजा पाठ की जाती है। यहाँ दूर दूर से पर्यटक ध्यान और शांति प्राप्त करने के लिए आते है। लोटस टेंपल कमल के फूल के आकार में एक सफेद संगमरमर की बनी ईमारत है। इस आकृति के कारण इसे लोटस टेंपल कहा जाता है। इसका निर्माण बहा उल्‍लाह ने करवाया था। यह विशेष रूप से शाम के समय शानदार दिखता है। लोटस टेंपल में करीब 400 लोग एक साथ बैठ सकते हैं। इसके अतिरिक्त दो छोटे सभागार भी हैं, जिसमें करीब 70 लोग साथ बैठ सकते हैं। यह पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय स्थान है। सर्दियों में सबसे अधिक पर्यटक यहाँ आते हैं।

लोटस टैंपल कैसे पहुंचें :-
यहां पहुंचने के लिए आप मेट्रो का प्रयोग कर सकते हैं। नेहरू प्‍लेस से कालका जी मेट्रो स्‍टेशन पहुंचने के बाद 5 मिनट में पैदल चलकर या फिर कोई रिक्‍शा करके आप यहां पहुंच सकते हैं।

लोटस टेंपल खुलने का समय :-
गर्मियों के मौसम में सुबह 9 बजे से शाम को 7 बजे तक मंदिर खुलता है और वहीं सर्दियों में सुबह साढ़े 9 बजे से शाम को साढ़े 5 बजे तक के लिए खोला जाता है।

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