
भारत के महाराष्ट्र राज्य में स्थित है। जो वृक्षपुरी गाँव के पास बुलढ़ाना जिले में स्थित है। इस झील का उत्पत्ति काल लगभग 52,000 वर्ष पहले हुआ था। जब एक मेटियोराइड क्रैटर उल्कापात पृथ्वी की सतह पर गिरा और एक गहरी झील बनाई। यह एक गहरा कर्ण या क्रेटर झील है, जो एक मेटिटाइट घटना के परिणामस्वरूप निर्मित झील है।
लोनार झील का नाम महाराष्ट्र के एक छोटे से गाँव लोनार से प्राप्त है। जो इस झील के किनारे पर स्थित है। लोनार झील का जल गहरा होता है। और इसके पानी का रंग गहरा नीला होता है। जो मौसम और जलवायु परिवर्तन के कारण होता है।
लोनार झील एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी है। और यहाँ पर पर्यटक विभिन्न प्रकार की जीवजंतु और पक्षियों का दृश्य देख सकते हैं। जैसे कि मेथुन मूवा, बफलो टोमा, और डकॉटर फिश इत्यादि। इसमें विभिन्न प्रकार के मांगरों, मछलियों, और पक्षियों के लिए एक विविध जीवन होता है।
दैत्य-प्रलम्ब नामक एक दैत्य…..
लोनार झील के पास एक प्राचीन प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर भी है। जिसे दैत्य-प्रलम्ब नामक एक दैत्य के वध के साथ जोड़ा जाता है। लोनार झील का अध्ययन और इसका महत्व वैज्ञानिकों के लिए है, क्योंकि इसका गहरा कर्ण और मांगर झील के भिन्न प्राकृतिक संरचनाओं के लिए एक मॉडल प्रदान करता है, जो पृथ्वी पर गहरे कर्णों के अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण हैं। यहां के पर्यटक इस अद्वितीय स्थल को दर्शने आते हैं जो विज्ञान और प्राचीन इतिहास के संयोजन का एक अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करता है।