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शांति-सौहार्द के साथ यूपी में मनी बकरीद, नहीं हुई सड़कों पर नमाज़

बकरीद का पर्व उत्तर प्रदेश में शांति और सौहार्द के माहौल में मनाया गया। सीएम योगी की अपील पर धर्मगुरु भी आगे आए और किसी भी जनपद में सड़क यातायात बाधित कर नमाज़ आदि धार्मिक क्रियाकलाप नहीं हुए। यही नहीं, सभी जिलों में तय और चिन्हित स्थानों पर ही कुर्बानी हुई और इसके तत्काल बाद अपशिष्ट का निस्तारण भी कराया गया।

बीते दिनों, सीएम योगी ने अधिकारियों को बकरीद, श्रावण मास, मुहर्रम आदि पर्व-त्योहारों के मौके पर पुलिस व प्रशासन को अतिरिक्त संवेदनशील रहने को कहा था। साथ ही, सड़क पर यातायात रोक कर नमाज़ पढ़ने से सामान्य जन को होने वाली परेशानी का हवाला देते हुए इस बावत धर्मगुरुओं से संवाद बनाने के निर्देश भी दिए थे। मुख्यमंत्री के प्रयास का सकारात्मक असर देखने को मिला और कहीं भी सड़क पर नमाज़ नहीं हुई। मुख्यमंत्री के निर्देश पर, बकरीद के मौके पर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद हो इसको लेकर सभी जिलों में पुलिस चौकस रही। अनुमान के मुताबिक प्रदेश में 33 हजार से अधिक ईदगाहों, मस्जिदों में नमाज अदा की गई। कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। बकरीद को लेकर यूपी पुलिस ने 2200 से अधिक संवेदनशील स्थान और हॉट स्पॉट चिन्हित किए थे। पूर्व में पीस कमेटी की 2400 से अधिक गोष्ठियां भी की गईं। असामाजिक तत्वों से निपटने के लिए भी पुलिस तैयार दिखी। त्योहार की आड़ में उपद्रवी तत्व किसी भी तरह की परेशानी पैदा करे, उससे निपटने के लिए 238 कंपनी पीएसी, 3 कंपनी एसडीआरएफ, 7 कंपनी सीएपीएफ और 7570 अंडर ट्रेनी उपनिरीक्षकों को राजपत्रित अधिकारियों के नेतृत्व में लगाया गया। बॉडी वॉर्न कैमरा, वाईना कूलर, ड्रोन, हाई रिजोल्यूशन सीसीटीवी कैमरे से निगरानी रखी गई। राज्य में शांति सुनिश्चित करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए रणनीतिक रूप से 1.25 लाख से अधिक नागरिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया। इसके अलावा, ‘यूपी 112’ और एकीकृत पुलिस आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र के लगभग 4,800 पुलिस प्रतिक्रिया वाहन (पीआरवी) को चौबीसों घंटे गश्त कर रही हैं।

यूपी में बन रही शांति और सौहार्द की नई परंपरा सामाजिक सौहार्द और कानून-व्यवस्था को शीर्ष प्राथमिकता मानने वाले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कोशिशें रंग लाने लगी हैं। शांति और सौहार्द के साथ धार्मिक आयोजन होना यूपी में एक परंपरा बनती जा रही है, तो योगी के कानून व्यवस्था ने अन्य राज्यों के सामने नजीर भी पेश किया है। बुल्डोजर मॉडल और धार्मिक स्थलों पर लगे अनावश्यक लाउडस्पीकर की समस्या के सौहार्दपूर्ण निदान के बाद अब सड़क पर नमाज़ पढ़ने की समस्या का आम सहमति से हल पेश करने वाले योगी आदित्यनाथ के लॉ एंड ऑर्डर मॉडल की सराहना हो रही है।

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