विज्ञान और तकनीक

उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय निदेशालय में मेधज ने किया अपने आधुनिक तकनीक से लैस ड्रोन का प्रदर्शन

लखनऊ में आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ने भारत सरकार द्वारा चलाये गए अमृत 2.0 योजना के तहत अब सीवर और सेप्टिक टैंकों की सफाई नयी तकनीक से लैस उपकरणों से किया जायेगा अब ये सफाई के कार्य पूरी तरह से मानव रहित होंगे। वर्त्तमान समय में ये मानवों द्वारा किया जाता है जिससे उनके स्वास्थ्य और जान दोनों को खतरा होता है | आधुनिक उपकरणों के उपयोग से ये कार्य अब पूरी तरह से मानवरहित होगा | इसी क्रम में विभिन्न कंपनियों ने सीवर एवं सेप्टिक टैंक की सफाई के लिए अपने अपने उपकरणों का प्रदर्शन किया।

निदेशक स्थानीय निकाय नेहा शर्मा ने कहा कि कभी सफाई मित्र हमेशा से अपने कार्य के दौरान चुनौतीपूर्ण और जीवन के लिए खतरनाक समझे जाने वाले पलों से गुजरते थे लेकिन आज परिस्थितियां दूसरी हैं। गरिमामयी जीवन के साथ मेनहोल टू मशीन का मिशन जारी है। सफाई मित्रों को कठिनाइयों से निकालने के लिए सरकार हर प्रकार की टेक्नोलॉजी का सहारा ले रही है। इसमें और सुधार के संबंध में कार्यशाला में मंथन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सुबह 5 बजे से सफाई के कार्य में जुट जाना आसान काम नहीं होता। डैडिकेटेड कमांड सेंटर के माध्यम से अधिकारी हमारे सफाई मित्रों से सीधे जुड़ते हैं जो वास्तव में फील्ड पर असली योद्धा हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने सफाई मित्रों को हर प्रकार से एक बेहतर जीवन और संसाधन दे सकें, ताकि वह अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए प्रदेश को स्वच्छ भारत मिशन की अवधारणा में और आगे बढ़ाएं। मिशन निदेशक ने कहा कि जो भी हमारे सफाई मित्र कार्यशाला में सीखते हैं यह उनकी जिम्मेदारी है कि वह जब फील्ड पर जाएं तो इससे अपने अन्य साथियों को भी अवगत कराए।

प्रयोगशाला में कई कंपनियां अपने अपने आइडिया लेकर आईं, की वे कैसे इस पहल में अपना योगदान दे सकती हैं । केरल से आयी एक कंपनी ने ऐसे मशीन का प्रदर्शन किया जो मैनहोल में बिना किसी मनुष्य के अंदर जाये उस मैनहोल को साफ़ कर सकती है । वहीँ ओडिशा से आयी एक कंपनी ने PPE किट का प्रदर्शन किया।

मेधज टेक्नो कांसेप्ट प्राइवेट लिमिटेड ने रोबोज़ कंपनी के साथ मिलकर अपने आर्टिफीसियल इंटेलीजेंट पे आधारित 3 ड्रोन्स का प्रदर्शन किया जिसे देखकर वहां मौजूद लोगों में जिज्ञासा और उत्सुकता भरपूर देखने को मिली । इन ड्रोन्स को बनाने वाले मिलिंद जी का कहना है की जैसे जैसे तकनीक आगे बढ़ रही है लोग उसे अपना दुश्मन मानने लगे हैं, लेकिन ये हमारी लड़ाई इंसानो और रोबोट्स के बीच नहीं हैं, ये लड़ाई इंसानो रोबोट्स को साथ मिलकर हमारी कठिनाइयों के बीच है ।

ये ड्रोन आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस पे आधारित हैं जो की स्वच्छ भारत मिशन को आगे बढ़ाने में सक्षम हैं । इन ड्रोन्स की खासियत ये है की ये हवा में जाकर हवाई मानचित्रण कर सकता है । यह लगभग 200 मीटर की ऊंचाई तक जा सकता है और एक बार में 8 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकता है । ये ड्रोन किसी भी इलाके के सेवर्स और उनके आसपास के वातावरण को रिकॉर्ड करके आपके फ़ोन के मोबाइल ऐप् पर हर घंटे या हर दिन की जानकारी आपको दे सकता है। इसकी मदद से हम किसी भी इलाके को चिन्हित करके हम ये पता लगा सकते हैं की कहाँ पर हमको किस प्रकार की सफाई की ज़रूरत है । इसे इस्तेमाल करना बिलकुल ही आसान है चाहे आप पढ़े लिखे हो या न हो, इस ड्रोन को चलाने  में आपको कोई दिक्कत नहीं होगी । इन ड्रोन का ग्राफिकल यूज़र इंटरफ़ेस इतना आसान है की जैसे ट्रैफिक सिग्नल पर लाल रंग रुकना प्रदर्शित करता है और हरा- जाना ।

इन ड्रोन्स में GPS इमेज मैपिंग तकनीक का प्रयोग किया गया है जिससे ये पता किया जा सकता है की कहाँ मैन होल है, कहाँ ड्रेनेज है और कहाँ काम किये जाने की ज़रूरत है। आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस की मदद से हम किसी भी प्रणाली की विश्वसनीयता को आसानी से हासिल कर सकते हैं । इसकी मदद से हम छोटे से छोटे सीवेज और बड़े से बड़े ड्रेन को चिन्हित कर सकते हैं जिससे हम कार्य को बेहतर तरीके से सही समय पर कर सकते हैं |

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