जनपद स्तर पर प्रत्येक माह एचआईवी/टीबी समन्वय बैठक का अनुश्रवण किया जाए

उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के अपर परियोजना निदेशक डॉ हीरा लाल की अध्यक्षता मे सोसाइटी की टेक्निकल सपोर्ट यूनिट सेतु और सोसाइटी अधिकारियों की बैठक आयोजित हुई।
डॉ हीरा लाल ने बैठक के दौरान कहा कि सेतु टीम के सभी राज्य और जनपदीय कार्मिक निष्ठा के साथ काम करे, सोसाइटी स्तर से पूरा सहयोग दिया जाएगा। फील्ड मे बेहतर काम ही हमारी पहचान बनेगा और एच आई वी बचाव व रोकथाम कार्यक्रम को सफल बनाया जा सकेगा। जनपदों मे अभी भी समन्वय की कमी है, इसलिए वहां प्रोग्राम फील्ड ऑफिसर जनपदीय जिला क्षय रोग अधिकारियों और एच आई वी टी बी समन्वयक से मिले, बैठक करे, प्रोग्राम के बारे मे संवेदीकरण करे। साथ ही साथ जनपद में आयोजित हो रहीं मासिक समीक्षा बैठकों का फालो नच किया जाए।
डॉ लाल ने कहा कि सोसाइटी के सहयोग से संस्था वाई आर जी केयर राजधानी लखनऊ में ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए एक विशेष क्लिनिक चलती है। इस क्लिनिक पर सभी ट्रांसजेंडर को कई प्रकार की बुनियादी सेवाए दी जा रहीं है। हमारा दायित्व है कि हम इस क्लिनिक का प्रचार सभी जिलों मे करे। जनपद स्तर पर रहने वाले ट्रांसजेंडर को क्लिनिक की सेवाओं के बारे मे बताया जाये और उन्हें सेवाओं का लाभ लेने मे सहायता दी जाए।
इसके पूर्व सोसाइटी स्तर के अनुभागीय अधिकारियों ने सेतु टीम से विस्तार मे चर्चा की और अपनी अपेक्षाओं पर कार्यवाही की स्थिति भी जानी।
बैठक मे मुख्य रूप से डॉ अरुण सिंहल, सुनील मिश्रा, गीता अग्रवाल, माया बाजपेई, अनुज दीक्षित, पवन सिंह, अजय शुक्ला, नीरज, राजेश पाठक, वीरेंद्र दुबे, प्रदीप, नीतीश, शशांक, नीतीश गुप्ता, पूर्णिमा चौधरी आदि लोग उपस्थित थे।
एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनोडेफिसिएंसी वायरस) संक्रमित लोगों में क्षय रोग होने का खतरा अधिक रहता है। लिहाजा देश को सन् 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के लिए एचआईवी और टीबी विभाग में बेहतर समन्वय जरूरी है। यह बात उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के अपर परियोजना निदेशक डॉ हीरा लाल ने सोमवार को अंतर विभागीय बैठक में कही। सोसाइटी द्वारा कार्यरत टेक्निकल सपोर्ट यूनिट (सेतू), राज्य क्षय रोग अधिकारी कार्यालय के अधिकारियों और स्टेट टीबी प्रोग्राम-यूपीटीएसयू के साथ यह बैठक की गई।
डॉ हीरालाल ने टीबीटीएसयू प्रतिनिधियों और सेतु टीम सदस्यों को आपसी समन्वय बढ़ाने तथा मिलकर काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने दोनों टीमों को अगली बैठक मे विस्तृत प्रस्तुतीकरण करने को भी कहा। साथ ही कहा कि राज्य स्तर पर अतिशीघ्र दोनों कार्यक्रम से जुड़े सभी पार्टनर एजेंसी की बैठक भी कराई जाए।
उन्होंने कहा कि जनपदीय स्तर पर डी.टी.ओ, एचआईवी एड्स कार्यक्रम के नोडल अधिकारी हैं, किंतु कहीं न कहीं एचआईवी और टीबी कार्यक्रम में आपसी समन्वय की कमी दिखती है, जो कई जिलों में किए गए दौरों में दिखी भी है। इसलिए जनपदीय स्तर पर मासिक रूप से कराई जाने वाली एचआईवी टीबी समन्वय बैठक जो की कोविड काल मे शिथिल पड गई थी उन्हे फिर से सभी जिलों मे कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि दोनों टेक्निकल सपोर्ट यूनिट के फील्ड अफसर जनपदों में लगातार मॉनिटरिंग करें और बेहतर काम को बढावा दें। उन्होंने सभी से सुझाव भी मांगे।
डॉ हीरा लाल ने कहा कि प्रक्रिया की जगह परिणाम पर केंद्रित दृष्टीकोण से काम किए जाने की आवश्यकता है, तभी राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। बैठक मे मुख्य रूप से डॉ गीता अग्रवाल, सुनील मिश्र, नरेंद्र सिंह, अभिषेक सिंह, अनुज दीक्षित, भरत शेट्टी, शैलेन्द्र उपाध्याय, विनय सिंह, हिमांशु उपस्थित थे।