फिल्म राधे की डिजिटल रिलीज पर सलमान खान को मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ने दी सख्त चेतावनी

सलमान खान की फिल्म राधे की डिजिटल रिलीज (ओटीटी प्लेटफॉर्म) की खबरों से इंडस्ट्री में एक अलग माहौल है। सिनेमा हॉल संचालकों का कहना है कि यह दुनियाभर में माने जा रहे निर्देशों का उल्लंघन है जिसमें कहा गया है कि फिल्मों की रिलीज पहले सिनेमाघरों में होगी जिसके 8 हफ्ते के बाद ही इसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रिलीज संभव है। इससे फिल्म व्यवसाय से जुड़े सभी स्टैकहोल्डर के हितों की रक्षा होती है। इसके निर्देश कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) ने जारी किए हैं। मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एमएआई) के अधिकारियों का कहना है कि इस बारे में सलमान खान से बात की जाएगी। कौन से प्रोड्यूसर इस संकट की घड़ी में बने रहेंगे या सिचुएशन के सामने हथियार डाल देंगे, इसपर कुछ नहीं कहा जा सकता है। अगर सलमान डायरेक्ट ओटीटी पर जाते हैं तो यह तय है कि उनकी फिल्म की सिनेमा वैल्यू नहीं रहेगी। साथ ही आगे के सालों में जब उनकी फिल्म आएगी तो फिर उस वक्त जरूर करारा जवाब दिया जाएगा। अधिकारियों ने आगे कहा - ओटीटी वाले सिनेमा वालों के सामने कम नंबर्स में हैं। लिहाजा यह भी तकरीबन मुश्किल काम है कि राधे को कोई ओटीटी ढाई सौ से 300 करोड़ तक का ऑफर दे, क्योंकि उतने की रिकवरी हो पाना संभव नहीं’।
डिस्ट्रीब्यूटर और ट्रेड एनालिस्ट अक्षय राठी भी मल्टीप्लेक्स इस मुद्दे पर सहमति जताते हुए दैनिक भास्कर से कहा - अगर किसी भी फैन से पूछा जाए कि सलमान को मोबाइल में शर्ट उतारते देखना पसंद करेंगे या सिनेमाघर के बड़े पर्दे पर तो हर कोई सिनोमाघर ही चुनेगा। सलमान के स्टारडम का सीधा नाता सिनेमाघरों से है। इस तथ्य को भी नहीं नकारा जा सकता है कि फिल्मों के कुल कलेक्शन में 60% हिस्सेदारी सिनेमाघरों की है। 40% में डिजिटल सेटेलाइट और बाकी मीडियम की हिस्सेदारी है । अगर सलमान खान चाहते हैं कि वह स्टार बने रहें तो उन्हें अपने फैंस को सही जगह पर एंटरटेन करना होगा। यह डर बेबुनियाद है कि सिनेमाघर खुलेंगे तो लोग नहीं आएंगे। बीते दिनों में लोग देख चुके हैं कि शराब की दुकानें खुली तो लोग किस तरह से टूट पड़े तो दर्शकों के आने की चिंता ना की जाए। सिनेमाघरों के संदर्भ में अगर सुरक्षा के उपाय हैं तो लोग यकीनन सिनेमाघर आएंगे। ट्रेड एक्सपर्ट, डिस्ट्रीब्यूटर और सिनेमाघर संचालक राज बंसल का कहना है - इटली स्पेन हांगकांग में अब लोग रेस्टोरेंट में भी जा रहे हैं। बाजारों में भी जा रहे हैं। मॉल्स भी खुलने लगे हैं। डर दूर हो रहा है। यह बिल्कुल निश्चित है कि सितंबर तक हम लोग कोरोना से मुक्त हो जाएंगे या डर का माहौल खत्म हो जाएगा और दिवाली से पिक्चरें रिलीज होनी शुरू हो जाएंगी। तब तक कम से कम बड़े बजट और स्टार तो रुक ही सकते हैं ।