सांसद अधीर रंजन चौधरी अनियमित आचरण के लिए लोकसभा से निलंबित-मेधज़ न्यूज़
लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी को अनियमित आचरण के लिए लोकसभा से निलंबित कर दिया गया, निलंबन प्रस्ताव संसद में संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी द्वारा लाया गया था।
लोकसभा में विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना हिंदू महाकाव्य महाभारत के अंधे धृतराष्ट्र से की, उन्होंने कहा कि जब धृतराष्ट्र अंधे थे, तब द्रौपदी का वस्त्र हरण हुआ था, आज भी राजा अंधे बैठे हैं और मणिपुर और हस्तिनापुर में कोई फर्क नहीं है।
चौधरी ने पीएम मोदी की तुलना भगोड़े नीरव मोदी से भी की, चौधरी की टिप्पणी का सत्तारूढ़ दल ने कड़ा विरोध किया। मंत्री जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री के खिलाफ निराधार आरोप स्वीकार नहीं किया जा सकता, इसे ख़त्म किया जाना चाहिए और उन्हें माफ़ी मांगनी चाहिए।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से आग्रह किया कि वह चौधरी को संयम बरतने और सदन की मर्यादा बनाए रखने के लिए कहें।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बाद में कहा कि चौधरी की कुछ टिप्पणियों को रिकॉर्ड से हटा दिया गया है। लोकसभा में अपने भाषण के दौरान चौधरी ने अमित शाह के भारत छोड़ो आह्वान का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भारत छोड़ो होना ही चाहिए, भारत को सांप्रदायिकरण से छोड़ो, भारत को ध्रुवीकरण से छोड़ो, भारत को भगवाकरण से छोड़ो। जैसे ही चौधरी ने अपना भाषण शुरू किया, पीएम मोदी लोकसभा से चले गए। चौधरी ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव की ताकत आज प्रधानमंत्री को संसद में ले आई है। हममें से कोई भी इस अविश्वास प्रस्ताव के बारे में नहीं सोच रहा था, हम तो यही मांग कर रहे थे कि पीएम मोदी संसद में आएं और मणिपुर मुद्दे पर बोलें, हम किसी बीजेपी सदस्य को संसद में आने की मांग नहीं कर रहे थे, हम सिर्फ अपने पीएम को आने की मांग कर रहे थे।
चौधरी ने हिंसा प्रभावित मणिपुर पर भी बात करते हुए कहा कि मणिपुर में हिंसा कोई छोटा मुद्दा नहीं है। मणिपुर जातीय हिंसा और गृहयुद्ध का सामना कर रहा है, इसने वैश्विक आयाम ग्रहण कर लिया है और यूरोपीय संसद के साथ-साथ अमेरिका में भी इसकी चर्चा हुई है। मणिपुर का मुद्दा किसी राज्य तक सीमित नहीं रह सकता और इसीलिए प्रधानमंत्री का हस्तक्षेप अपरिहार्य है।