म्यांमार में 2021 में तख्तापलट के बाद आपातकाल बढ़ाया गया
सेना ने चुनाव टालकर देश को कब्जे में लिया
म्यांमार में 2021 में विवादित तख्तापलट के बाद, सेना ने वहां आपातकाल का समय 6 महीने तक बढ़ा दिया। जो आपातकाल 31 जुलाई को समाप्त होने वाली थी। तख्तापलट से पहले ही सेना के नेतृत्व वाली नेशनल डिफेंस और सिक्योरिटी काउंसिल ने बैठक कर आपातकाल को बढ़ाने का फैसला लिया। सेना ने इस बार होने वाले चुनाव को भी टाल दिया।
सेना ने आंग सान सू को किया माफ
तख्तापलट के बाद, म्यांमार की नेता आंग सान सू को सेना ने उनके गुनाहों के लिए माफ कर दिया। उन्हें 19 मामलों में दोषी पाया गया था, लेकिन सेना ने उनके 5 गुनाहों के लिए माफी दे दी। पहले सेना ने उन्हें 33 साल की सजा सुनाई थी, लेकिन उसे घटाकर 27 साल कर दिया गया है। इससे उन्हें सेना की तरफ से माफी मिली। फिलहाल, आंग सान सू को हाउस अरेस्ट में रखा गया है।
विरोधियों के प्रति हिंसा और हथियार खरीद
तख्तापलट के बाद सेना ने अपने विरोधियों के प्रति हिंसा बढ़ाई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, सेना ने म्यांमार में 2021 में लगभग 6,000 लोगों को मार दिया है और एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इसमें बच्चों की मौत भी शामिल है। एयर रेड के चलते लाखों लोग घर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। सेना ने 2021 में 1 बिलियन डॉलर के हथियार खरीदे हैं, जो कुछ देशों द्वारा पाबंदियों के बावजूद भी हुआ है।
मांगे गए चुनाव को टाला गया
सेना ने तख्तापलट के बाद होने वाले चुनाव को टाल दिया है। जिससे सेना और सरकार के बीच विवाद शुरू हो गया था, जिसके बाद सेना ने तख्तापलट कर दिया था।
म्यांमार के विवाद भरे राजनीतिक संदर्भ
म्यांमार में नवंबर 2020 के चुनाव में आंग सान सू की पार्टी ने बड़ी बहुमत से जीत हासिल की थी। उसे सेना का समर्थन था लेकिन विपक्ष ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया था। तब से लेकर तख्तापलट तक दोनों सरकार और सेना के बीच तनाव बरकरार रहा। इसके परिणामस्वरूप, सेना ने आपातकाल लगा दिया और नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। विरोधियों के प्रति हिंसा बढ़ी और लोगों को निशाना बनाया गया।