बांग्लादेश और भारत के बीच एक बेहद अहम क्रिकेट मैच था, इससे पहले दोनों टीमें एक-एक मैच जीत चुकी थीं, यह तीन में से आखिरी मैच था। इसलिए विजेता का फैसला करने के लिए यह मैच बेहद अहम था। बांग्लादेश ने पहले बल्लेबाजी करते हुए चार विकेट खोकर 225 रन बनाए, फिर भारत की बल्लेबाजी की बारी थी और वे वास्तव में अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे, लक्ष्य के करीब पहुंच रहे थे। लेकिन अंत में उन्होंने कुछ विकेट खो दिए जिसके चलते मैच टाई हो गया। ये मैच शेर-ए-बांग्ला नैशनल स्टेडियम में खेला गया था।
34वे ओवर के दौरान नाहिदा अख्तर के खिलाफ स्वीप लगाने का प्रयास
इसी बीच अंपायर के हरमनप्रीत को आउट वाले फैसले से हरमनप्रीत वास्तव में दुखी थी क्योंकि वह अंपायर के आउट कहने के फैसले से सहमत नहीं थी। खेल में 34वे ओवर के दौरान नाहिदा अख्तर के खिलाफ स्वीप लगाने का प्रयास में हरमनप्रीत ने गेंद को हिट करने की कोशिश की लेकिन वो चूक गईं, गेंद उनके पैड को छूकर हवा में उड़ गई, जहां दूसरे खिलाड़ी ने उसे पकड़ लिया, ऐसे में दूसरी टीम ने उनके खिलाफ एलबीडब्ल्यू की अपील कर दी।
पवेलियन लौटने से पहले स्टंप पर मारा बैट तोड़े स्टंप
@ICC Should Ban Indian Captain #HarmanpreetKaur For Lifetime. pic.twitter.com/WsujVI88hV
— Bulbul Zilani (@BulbulZilani) July 23, 2023
मैच में जैसे ही दूसरे खिलाडियों ने हरमनप्रीत को आउट करने की अपील की अंपायर ने बिना समय लिए तुरंत उंगली को हवा में कर दिया। फैसले से नाखुश हरमनप्रीत कौर ने पवेलियन लौटने से पहले स्टंप पर बैट मारा और स्टंप तोड़ दिए। पवेलियन जाते-जाते हरमनप्रीत कौर ने अंपायर को कुछ कहा। वह काफी गुस्से में लग रही थीं। बात अगर यहां भी खत्म हो जाती, तो भी उसका एक हद तक बचाव किया जा सकता था। मैच के अहम मोड़ गलत आउट दिए जाने से गुस्सा आना एक तात्कालिक प्रतिक्रिया हो सकती है। लेकिन, हरमनप्रीत ने मैच प्रेजेंटेशन के दौरान भी अपनी नाराजगी दिखाई। उन्होने कहा, ‘यहां जिस तरह की अंपायरिंग हो रही थी, उससे हम काफी हैरान हैं। अगली बार जब हम बांग्लादेश आएंगे, तो इस तरह की अंपायरिंग से निपटने के लिए खुद को तैयार करेंगे।
चार गेंद में चाहिए था, एक रन
हरमनप्रीत से पहले भी यास्तिका भाटिया को सुल्ताना खातून की गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट दिया गया था। वह भी इस फैसले से नाखुश थीं। अमनजोत कौर भी खुद को एलबीडब्ल्यू आउट दिए जाने से नाखुश थीं। जब भारत को जीत के लिए चार गेंद में एक रन चाहिए था, तब अंपायर ने मेघना सिंह को कैच आउट करार दिया और मैच टाई हो गया, लेकिन मेघना का मानना था कि गेंद उनके बल्ले से लगी ही नहीं थी। इसके बाद भी मामला यही नहीं थमा, जब क्रिकेट मैच खत्म हुआ दोनों टीमें सीरीज के अंत में ट्रॉफी के साथ फोटो खिंचा रही थीं, इसी बीच हरमनप्रीत अंपायर को भी ट्रॉफी लेने के लिए मंच पर बुलाने लगी, उनका कहना था कि अंपायर को भी यहां आकर ट्रॉफी लेनी चाहिए। उन्होंने अंपायरों को बांग्लादेश टीम का हिस्सा होने का संकेत दिया था।
मैदान में और मैदान के बाहर जो किया और कहा, उसकी तारीफ तो नहीं की जा सकती
हरमनप्रीत की ऐसी टिप्पणियां के कारण बांग्लादेश की कप्तान निगार सुल्ताना अपनी टीम के साथ वापस चली गईं। निगार सुल्ताना ने बाद में हरमनप्रीत के बर्ताव पर बात की। उन्होंने कहा, ‘यह पूरी तरह से हरमनप्रीत की समस्या है। मैं इसमें कुछ नहीं कर सकती। लेकिन, मुझे लगता है कि उन्हें थोड़ा सभ्य व्यवहार करना चाहिए था।’ हरमनप्रीत बेशक शानदार खिलाड़ी और कप्तान हैं। लेकिन, उन्होंने मैदान में और मैदान के बाहर जो किया और कहा, उसकी तारीफ तो नहीं की जा सकती। अगर उन्हें ऐतराज जताना भी था, तो शालीन तरीके से जता सकती थीं। इस मामले से हरमनप्रीत की छवि तो खराब हुई ही, लोग भारत और बीसीसीआई पर भी अंगुली उठाने लगे। यहां तक कहा जा रहा कि यह बीसीसीआई के पैसों की हनक है, नहीं तो कितने देशों की खिलाड़ी अंपायर के फैसले पर इस तरीके का ऐतराज जता सकती हैं?
हरमनप्रीत पर मैच फीस का 75 प्रतिशत तक जुर्माना लगाया जा सकता है
क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार , हरमनप्रीत पर मैच फीस का 75 प्रतिशत तक जुर्माना लगाया जा सकता है, क्योंकि यह नियमों के लेवल-2 का उल्लंघन माना जाता है। इस बीच हरमनप्रीत ने स्टंप पर जो बैट मारा, उसके लिए उनपर मैच फीस का 50 प्रतिशत तक जुर्माना लगाया जाएगा। जबकि मैच के प्रेजेंटेशन के दौरान उन्होंने अंपायर पर भी कुछ गम्भीर आरोप लगाए। उसके लिए मैच फीस का 25 प्रतिशत जुर्माना लगेगा। हरमनप्रीत को 3 डीमैरिट पॉइंट भी मिल सकते हैं। इसमें दो पॉइंट उनके मैदान पर किए गए व्यवहार को लेकर होंगे। उन्होंने मैच के बाद अंपायर पर जो आरोप लगाए, उसके लिए एक डीमैरिट पॉइंट दिया जा सकता है।
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