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अमरिंदर सिंह और सिद्धू के खेमों में तकरार के बीच शाम 5 बजे सीएलपी की अहम बैठक
नई दिल्ली | पंजाब कांग्रेस के भीतर चल रही अंदरूनी कलह को सुलझाने के एक और प्रयास में, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (all india congress committee) ने 18 सितंबर को पंजाब के कांग्रेस विधायक दल (congress legislative party) की एक अहम बैठक आयोजित करने का फैसला किया है। पंजाब के मुख्यमंत्री (Punjab Chief Minister) के खिलाफ बगावत करते हुए कुछ ही दिन पहले करीब 40 विधायकों ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व (Central command of congress party) को पत्र लिखकर कई गंभीर आरोप लगाए थे। आरोपों में पार्टी आलाकमान द्वारा जारी 18 सूत्री कार्यक्रम को पूरा न किये जाने की भी बात कही गई थी और सीएलपी बैठक की मांग की थी।
पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत (Harish Rawat) ने ट्वीट कर बताया कि, “एआईसीसी (AICC) को कांग्रेस पार्टी के बड़ी संख्या में विधायकों से एक प्रतिनिधित्व प्राप्त हुआ है, जिसमें पंजाब के कांग्रेस विधायक दल की तुरंत बैठक बुलाने का अनुरोध किया गया है। सीएलपी की एक बैठक 18 सितंबर को शाम 5 बजे पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में बुलाई गई है।”
उन्होंने कहा, “एआईसीसी ने पीपीसीसी को इस बैठक को सुविधाजनक बनाने का निर्देश दिया है। पंजाब के सभी कांग्रेस विधायकों से अनुरोध है कि कृपया इस बैठक में भाग लें।” नवजोत सिंह सिद्धू ने भी जल्दबाजी में बुलाई बैठक के बारे में यही जानकारी ट्वीट की और केंद्रीय निकाय द्वारा पर्यवेक्षक भेजने की संभावना है।
विधायकों ने मांग की है कि दिल्ली से दो न्यूट्रल ऑब्जर्वर (neutral Observer) भेजे जाएं ताकि वे अपनी शिकायतें बता सकें। इस बार प्रमुख मूवर्स परगट सिंह और तृप्त सिंह बाजवा हैं, दोनों ही पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सिद्धू के करीबी हैं। हरीश रावत ने गुरुवार को सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) से मुलाकात की और सूत्रों ने कहा कि उन्हें पार्टी के भीतर चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए कहा गया है क्योंकि विधायकों ने एक बार फिर से आवाज उठानी शुरू कर दी है।
कहा जा रहा है कि रावत ने पंजाब में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से भी बात की थी।