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ध्रुवनारायण के आरएसएस की तुलना तालिबान से करने पर कर्नाटक में भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने

मैसूर | कर्नाटक में कांग्रेस और बीजेपी के कार्यकर्ता आमने सामने हो गए हैं। कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) के कार्यकारी अध्यक्ष आर. ध्रुवनारायण के एक बयान को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा (Ruling BJP) और विपक्षी कांग्रेस में तनातनी हो गई है। बयान में कहा गया था कि आरएसएस और तालिबान एक ही तरह के संगठन हैं, उन्होंने कहा कि ,’दोनों संगठन धर्म के समर्थक हैं। धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के प्रति उनकी कोई प्रतिबद्धता नहीं है।’ 
इसपर भाजपा ने घोषणा की है कि अगर वह अपने बयान के लिए माफी नहीं मांगेंगे तो पार्टी कार्यकर्ता उन सभी सार्वजनिक समारोहों में काले झंडे दिखाएंगे, जिनमें वह शामिल होंगे। 
कांग्रेस के एक वरिष्ठ दलित नेता, पूर्व सांसद और विपक्षी नेता सिद्धारमैया के करीबी विश्वासपात्र ध्रुवनारायण ने सीधे तौर पर मांग को खारिज कर दिया और कहा कि वह अपने शब्दों पर कायम रहेंगे। इससे मैसूर क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच टकराव हो सकता है।
ध्रुवनारायण ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तुलना तालिबान से करने के अपने बयान को सही ठहराया और कहा कि वह अपने शब्दों से वाकिफ हैं और इस संबंध में अपने बयान पर कायम हैं।
उन्होंने कहा, “आरएसएस और तालिबान धर्म के आधार पर काम करते हैं। दोनों संगठनों में काफी समानताएं हैं। इस आधार पर मैंने आरएसएस की तुलना तालिबान से की है।”
उन्होंने कहा, “आरएसएस और तालिबान दोनों धर्म के समर्थक हैं। वे धर्मनिरपेक्षता के लिए प्रतिबद्ध नहीं हैं। आरएसएस कार्यकर्ता नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उस समय, गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था। “
ध्रुवनारायण ने कहा, “आरएसएस लोकतंत्र में विश्वास नहीं करता है। यह एक पदानुक्रमित समाज का पालन-पोषण करने के लिए धर्म और ‘मनुवाद’ का प्रचार करता है। तालिबान महिलाओं को अधिकारों से दूर रखता है और आरएसएस भी ऐसा ही करता है।”
उग्र भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने ध्रुवनारायण के कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया। जब उन्होंने उनके कार्यालय की घेराबंदी करने की कोशिश की, तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया और बाद में सोमवार शाम को उन्हें छोड़ दिया।
भाजपा विधायक एल. नागेंद्र और मैसूर शहर के अध्यक्ष टी.एस. श्रीवत्स ने चेतावनी दी है कि अगर ध्रुवनारायण अपना बयान वापस लेने में विफल रहते हैं, तो उन्हें काले झंडे और कड़े विरोध का सामना करना पड़ेगा।
इसके जवाब में, कांग्रेस नेताओं ने मैसूर जिला पंचायत कार्यालय परिसर के पास ध्रुवनारायण के बयान का समर्थन करते हुए विरोध प्रदर्शन किया।

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