भारत

हिमाचल में बादल फटने से मचा हाहाकार 14 की मोत 30 बहे पानी में

उत्तर भारत के पहाड़ों पर बादल फटने और भारी बारिश के चलते लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बुधवार को जम्मू कश्मीर और हिमाचल में बादल फटने से 14 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, करीब 30 लोग बाढ़ के पानी में बह गए, जिनका गुरुवार को भी कुछ पता नहीं चला है। 
किश्तवाड़ जिले की दच्छन तहसील के हंजर गांव में बादल फटने से लापता 19 लोगों का दूसरे दिन भी कोई सुराग नहीं मिला है। बचाव कार्य में वायुसेना की टीमें उतर चुकी हैं। 
इसी बीच एनडीआरएफ और मेडिकल टीमें हेलीकाप्टर से घटनास्थल पर पहुंचाई गई हैं। दो घायलों को एयरलिफ्ट कर किश्तवाड़ के जिला अस्पताल में पहुंचाया गया। वहीं, राज्य प्रशासन ने पीड़ित परिवारों के पुनर्वास का आश्वासन दिया है। बता दें कि बुधवार तड़के हंजर गांव में बादल फटने से गांव में कई लोग बह गए थे। बुधवार को सात शव बरामद हो गए थे, जबकि 17 लोगों को बचा लिया गया था। वहीं, 19 लोगों का गुरुवार को भी सुराग नहीं लगा है। 
आपको बता दे  ब्रह्मगंगा नाले में बहे मा-बेटे, कपिंग साइट मैनेजर व पनविद्युत प्रोजेक्ट कर्मी की तलाश की जा रही है। 20 पुलिसकमी व स्थानीय लोग सर्च अभियान में लगे हुए हैं। गुरुवार को किसी का कोई सुराग नहीं लग पाया। 
तोजिंगनाला में लापता लोगों की तलाश में सर्च अभियान दूसरे दिन भी जारी रहा। दिनभररेस्क्यू टीमें जुटी रही, लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी है। कई जगह स्वजन भी अपनों की तलाश में जुटे हुए हैं।
हिमाचल में नहीं लगा लापता 11 लोगों का सुराग : हिमाचल के लाहुल स्पीति के तोजिंग व कुल्लू के ब्रह्मगंगा नाला में बादल फटने से आई बाढ़ में बहे 11 लोगों का कोई सुराग नहीं लग पाया है। तोजिंग और ब्रह्मगंगा नाला में सर्च अभियान के दूसरे दिन रेस्क्यू टीमों को कुछ नहीं मिल पाया। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने जाहलमा व तांदी से कीर्तिग तक सड़क बहाल कर ली है। काजा मार्ग भी बहाल हो गया है, जबकि बीआरओ लेह मार्ग बहाली के करीब है।
इसी बीच  हेलीकाप्टर से पहुंची एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमें : जम्मू से वायुसेना के तीन हेलीकाप्टर से एनडीआरएफ और एसडीआरएफ और डाग स्क्वायड की टीमों को हंजर तक पहुंचाया। पूरे दिन बचाव कार्य जारी रहा, लेकिन सुराग नहीं मिला। दच्छन से लेकर रामबन तक रेड अलर्ट घोषित : बादल फटने से आई बाढ़ के कारण बड़े-बड़े पत्थर इलाके में फैल गए हैं। कुछ पेड़ गिरे पड़े हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button