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कोरोना वायरस छूने से नहीं फैलता, US में हुई नयी रिसर्च में दावा

अमेरिका (United States) में की गई एक नई रिसर्च में दावा किया गया है कि किसी सतह को छूने से अब कोविड-19 (Covid-19) संक्रमण फैलने का खतरा कम है। वह सतह भले ही संक्रमित ही क्यों न हो। सेंटर्स फॉर डिजीस कंट्रोल (Centers For Disease Control) के मुताबिक, अब किसी सतह को छूने से संक्रमित होने की आशंका 10 हजार लोगों में से सिर्फ एक की है। 

साल 2021 में जब कोरोना वायरस (Coronavirus) बहुत तेजी से फैल रहा था, तब हालत ये थी कि कुछ भी छूने से कोरोना संक्रमण का खतरा था, लेकिन अब एक नई स्टडी में दावा किया गया है कि छूने से कोरोना फैलने का खतरा कम है। हालांकि इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि आप मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) का पालन करना और सैनिटाइजेशन करना बंद कर दें। वायरस से बचाव का ये सबसे सटीक उपाय हैं। 

सीडीसी (CDC) के अनुसार, लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण अब बंद, भीड़ वाली और खराब वेंटिलेशन वाली जगहों पर ज्यादा हो रहा है। अगर संक्रमित लोग ऐसी जगहों पर ज्यादा हैं तो अन्य लोगों के कोरोना संक्रमित होने का खतरा भी ज्यादा होगा। सेंटर्स फॉर डिजीस कंट्रोल (Centers For Disease Control) की डायरेक्टर डॉक्टर रोशेल वालेंस्की के मुताबिक, अलग-अलग सतहों को छूने से लोग संक्रमित हो सकते हैं। लेकिन इसकी संभावना अब बहुत कम है।

वर्जीनिया टेक यूनिवर्सिटी (Virginia Tech University) में एयरबॉर्न डिजीस (Airborne disease) की एक्सपर्ट लिंसी ने कहा कि हमें इस बारे में बहुत दिनों से मालूम है। लेकिन लोग फिर भी घर और बाहर की चीजों को सैनिटाइज करने में जुटे हैं। जबकि किसी सतह को छूने से कोरोना संक्रमण का खतरा कम है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि अब तक सबूत नहीं मिले हैं कि किसी संक्रमित सतह को छूने से कोई बीमार पड़ा। 

हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि यह बात साफ हो चुकी है कि कोविड-19 हवा के जरिए ज्यादा फैल रहा है। दरअसल हवा में कोरोना संक्रमितों के नाक और मुंह से निकली बूंदें मौजूद हैं, जिससे दूसरे लोग संक्रमित हो रहे हैं।

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