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प्रदेश में Covid-19 से बचाव और उपचार की व्यवस्थाओं को निरन्तर प्रभावी बनाकर रखा जाए: सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 से बचाव और उपचार की व्यवस्थाओं को निरन्तर प्रभावी बनाकर रखा जाए। राज्य सरकार की ‘ट्रेस, टेस्ट एण्ड ट्रीट’ की नीति कोरोना संक्रमण के नियंत्रण में अत्यन्त सहायक सिद्ध हो रही है। राज्य में कोरोना संक्रमण की पॉजिटिविटी दर में निरन्तर कमी एवं रिकवरी दर में लगातार वृद्धि हो रही है। इससे कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से कमी आ रही है।

मुख्यमंत्री आज वर्चुअल माध्यम से आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि विगत 24 घण्टों में प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 3,278 केस आए हैं। इसी अवधि में 6,995 संक्रमित व्यक्तियों का सफल उपचार करके डिस्चार्ज किया गया है। प्रदेश में 30 अप्रैल, 2021 को संक्रमण के अब तक के सर्वाधिक एक्टिव मामले 3,10,783 थे। वर्तमान में संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या घटकर 58,270 हो गयी है। इस प्रकार विगत 30 अप्रैल के सापेक्ष एक्टिव मामलों की संख्या में 2,52,513 की कमी आयी है।

मुख्यमंत्री को यह भी अवगत कराया गया कि राज्य में कोरोना संक्रमण की रिकवरी दर वर्तमान में 95.4 प्रतिशत है। राज्य में पिछले 24 घण्टों में 3,47,821 कोविड टेस्ट किए गए। पिछले 24 घण्टों में टेस्ट पॉजिटिविटी दर मात्र 1.1 प्रतिशत रही है। प्रदेश में अब तक 4 करोड़ 80 लाख 68 हजार 329 कोविड टेस्ट किए जा चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण इलाकों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए संचालित वृहद जांच अभियान को सुचारु और प्रभावी ढंग से जारी रखा जाए। इसके अंतर्गत निगरानी समितियों द्वारा कोरोना संक्रमण की व्यापक स्क्रीनिंग का कार्य किया जा रहा है। प्रत्येक लक्षण युक्त एवं संदिग्ध संक्रमित व्यक्ति को मेडिकल किट दी जा रही है। किसी भी लक्षण युक्त तथा संदिग्ध संक्रमित व्यक्ति तक निगरानी समितियां सबसे पहले पहुंचती है। इसलिए निगरानी समितियों को पर्याप्त संख्या में मेडिकल किट उपलब्ध कराई जाए। लक्षण युक्त एवं संदिग्ध संक्रमित व्यक्तियों को मेडिकल किट की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी तथा सेक्टर के प्रभारी अधिकारी को जवाबदेह बनाया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी जनपदों में पोस्ट कोविड वाॅर्ड की स्थापना की जाए। इन वाॅर्डों में कोरोना मुक्त व्यक्तियों की पोस्ट कोविड अवस्था में होने वाले कॉम्प्लिकेशंस के उपचार की पूरी व्यवस्था हो। मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि कोरोना मुक्त रोगियों की पोस्ट कोविड अवस्था में कॉम्प्लिकेशंस के निःशुल्क उपचार के सम्बन्ध में शासनादेश निर्गत कर दिए गए हैं। राज्य में ब्लैक फंगस की दवाओं की उपलब्धता के संबंध में जानकारी प्राप्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्लैक फंगस के संक्रमण से प्रभावित सभी मरीजों को दवा उपलब्ध कराई जाए। ब्लैक फंगस के उपचार के लिए वैकल्पिक दवाओं की भी व्यवस्था कर मरीजों को उपलब्ध करायी जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी जनपदों में ब्लैक फंगस के संक्रमण की दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड बेड की संख्या में निरन्तर वृद्धि की जाए। साथ ही, इसके लिए आवश्यक मानव संसाधन की भी व्यवस्था की जाए। इसके लिए भर्ती की कार्यवाही तेजी से सम्पन्न की जाए। मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि कोविड-19 के उपचार की व्यवस्था को प्रभावी बनाए रखने के लिए उनके निर्देशों के अनुरूप कार्यवाही की जा रही है। कोविड बेड की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी की जा रही है। विगत दिवस प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों तथा अस्पतालों में 120 बेड की वृद्धि हुई है। इसमें आइसोलेशन बेड के अलावा आई0सी0यू0 बेड भी शामिल हैं। मानव संसाधन में भी लगातार बढ़ोत्तरी की जा रही है।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के सम्बंध में भविष्य के आकलनों के दृष्टिगत मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ किया जाना आवश्यक है। इसके लिए अभी से कार्यवाही किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सभी मेडिकल कॉलेजों एवं जनपदों में पीडियाट्रिक आई0सी0यू0 (पीकू) तथा निओनेटल आई0सी0यू0 (नीकू) की स्थापना की कार्यवाही पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके लिए सभी मेडिकल कॉलेजों में एक अधिकारी की नियुक्ति की जाए। पीकू और नीकू के संचालन के लिए आवश्यक मानव संसाधन की व्यवस्था करते हुए उनकी ट्रेनिंग का कार्य भी संपन्न कराया जाए। इस कार्य में प्रदेश में इंसेफेलाइटिस पर नियंत्रण के अनुभवों का उपयोग किया जाए। मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि सभी मेडिकल कॉलेजों में 50 बेड का पीडियाट्रिक आई0सी0यू0 (पीकू) तथा आइसोलेशन हेतु 50 बेड तैयार किए जा रहे हैं । इसके अलावा 50 बेड के आई0सी0यू0 की अतिरिक्त व्यवस्था के निर्देश भी दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र तथा हेल्थ एवं वेलनेस सेण्टर को सुदृढ़ बनाकर प्रभावी ढंग से क्रियाशील किए जाने के निर्देश दिए गए थे। इन स्वास्थ्य केंद्रों के सुदृढ़ीकरण के कार्य की दैनिक मॉनिटरिंग की जाए। इन सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर मेडिकल उपकरणों के रख-रखाव, आवश्यक मानव संसाधन, पेयजल, शौचालय, विद्युत आपूर्ति व्यवस्था सुचारू रहे। जो सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा हेल्थ एण्ड वैलनेस सेण्टर बनकर तैयार हो गए हैं, उन्हें फंक्शनल कराया जाए। निर्माणाधीन स्वास्थ्य केंद्रों को शीघ्र पूर्ण करा कर संचालित कराया जाए। इनके लिए आवश्यकतानुसार मानव संसाधन की व्यवस्था भी की जाए।

मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि विगत 24 घण्टों में राज्य में 574 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उपयोग की गई है। विगत कुछ दिनों में ऑक्सीजन की मांग में लगभग 50 प्रतिशत की कमी आई है। होम आइसोलेशन के मरीजों में भी ऑक्सीजन की डिमाण्ड में कमी आयी है। अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों तथा रीफिलर्स के पास लगभग 04 दिन का ऑक्सीजन बैकअप उपलब्ध है। मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि राज्य में कार्यशील, निर्माणाधीन, स्वीकृत ऑक्सीजन संयंत्रों की कुल संख्या 415 हो गई है। इनमें से 55 ऑक्सीजन संयंत्र क्रियाशील हैं।

मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि कोविड वैक्सीनेशन की कार्यवाही व्यवस्थित, निर्बाध और सुचारु ढंग से जीरो वेस्टेज को ध्यान में रखकर संचालित की जाए। सभी वैक्सीनेशन सेंटर पर वेटिंग एरिया तथा ऑब्जरवेशन एरिया की व्यवस्था होनी चाहिए। वैक्सीनेशन सेंटर पर अनावश्यक भीड़-भाड़ ना हो। उन लोगों को ही वैक्सीनेशन सेंटर पर बुलाया जाए जिनका वैक्सीनेशन किया जाना है। मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि 1 जून, 2021 से सभी 75 जनपदों में 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के लोगों का वैक्सीनेशन प्रारंभ किया जाएगा। इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया गया है। इसमें प्रत्येक जनपद में 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों के अभिभावकों के वैक्सीनेशन हेतु अभिभावक स्पेशल बूथ की व्यवस्था की गई है। अब तक प्रदेश में 01 करोड़, 70 लाख 74 हजार 158 वैक्सीन की डोज एडमिनिस्टर की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फाॅगिंग की कार्यवाही को प्रभावी ढंग से जारी रखा जाए। ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही, नगरीय निकायों में भी सामुदायिक, प्राथमिक एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों, हेल्थ एवं वेलनेस सेण्टर तथा घनी आबादी के क्षेत्रों में स्वच्छता, सैनिटाइजेशन एवं फाॅगिंग का विशेष अभियान संचालित किया जाए। जल जमाव को रोकने के लिए नाले व नालियों की सफाई करा ली जाए। स्वच्छता एवं सैनिटाइजेशन के कार्य में फायर ब्रिगेड तथा गन्ना विभाग के वाहनों एवं मशीनों का उपयोग किया जाए। स्वच्छता एवं सैनिटाइजेशन का व्यापक अभियान कोरोना सहित विभिन्न वेक्टर जनित बीमारियों की रोकथाम में सहायक होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आंशिक कोरोना कफ्र्यू का प्रभावी ढंग से पालन कराया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि घर से बाहर निकलने वाले लोग मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें। सोशल डिस्टेन्सिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए। यह कार्यवाही सद्भाव पूर्ण होनी चाहिए। गेहूं खरीद तथा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत खाद्यान्न का वितरण कोविड प्रोटोकाॅल के पूर्ण पालन के साथ किया जाए। कम्युनिटी किचन के माध्यम से जरूरतमंदों तथा कोविड मरीजों के परिजनों को भोजन उपलब्ध कराया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी औद्योगिक गतिविधियां सुचारू रूप से संचालित रहें।

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