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डीयू शिक्षक की उपलब्धि, 73 विदेशी विश्वविद्यालयों के छात्र पढ़ेंगे शिक्षक द्वारा लिखी पुस्तक

दिल्ली| दिल्ली विश्वविद्यालय के समाज कार्य विषय के प्रोफेसर डॉ. बिष्णु मोहन दास को दिल्ली यूनिवर्सिटी एक्सीलेंस अवार्ड फॉर टीचर्स इन सर्विस इन कॉलेज-2021′  से सम्मानित किया गया है। ये पुरस्कार उन्हें इसलिए मिला है क्योंकि उनके द्वारा लिखी पुस्तक देश विदेश के कई विश्वविद्यालयों तक पहुंच चुकी है। 

पूरी दुनिया के 73 से अधिक अलग अलग विश्वविद्यालयों में छात्रों के लिए उनकी पुस्तक छात्रों के लिए उपलब्ध है। इस उपलब्धि को देखते हुए दिल्ली के भीमराव आंबेडकर कॉलेज के समाज कार्य विभाग में शिक्षक डॉ. बिष्णु मोहन दास को प्रतिष्ठित अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है।

भारत के शिक्षा सचिव अमित खरे ने डॉ. दास को यह सम्मान उनके विश्व स्तरीय शोध कार्यों के लिए प्रदान किया। डॉ. दास की हाल ही में प्रकाशित पुस्तक ‘इंडियन सोशल वर्क’ विश्व के 73 से अधिक विदेशी विश्वविद्यालयों में पहुंच चुकी है। उन्होंने अभी तक 14 से अधिक पुस्तकों और 67 शोध पत्र प्रकाशित किए हैं।

दिल्ली विश्वविद्यालय ने डॉ. दास की उपलब्धि को सराहनीय बताते हुए कहा कि समाज कार्य विषय में ‘एक्सीलेंस अवार्ड’ पाने वाले वह दिल्ली विश्वविद्यालय के पहले शिक्षक बने हैं।

डॉ. दास इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू), नई दिल्ली के ग्रामीण विकास केंद्र में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में नियुक्त हुए हैं। मूलत ओडिशा के भद्रक जिले के रहने वाले डॉ. बिष्णु मोहन दास ने बताया कि वह वर्ष 2007 से डॉ. भीम राव आंबेडकर कॉलेज के समाज कार्य विभाग में शिक्षण कार्य कर रहे हैं। पुरस्कार मिलने पर उन्होंने आभार जताते हुए कहा कि यह विश्व भर में पहुंची उनकी पुस्तक को मिल रहा सम्मान है।

डीयू में शामिल होने से पहले, डॉ दास ने ग्रामीण विकास केंद्र, उत्कल विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर में एमएसडब्ल्यू छात्रों को पढ़ाया है। उन्होंने विश्व भारती, शांतिनिकेतन से एमएसडब्ल्यू, डीयू के समाज कार्य विभाग से एम.फिल और पीएचडी, और भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) से पोस्ट-डॉक्टरल फैलोशिप किया। उन्होंने रेनशॉ कॉलेज, कटक से स्नातक किया है और फकीर मोहन कॉलेज, बालासोर से इंटरमीडिएट पूरा किया है।

डीयू के कुलपति प्रो. पीसी जोशी की उपस्थिति में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे ने उन्हें यह सम्मान दिया। वह यह प्रतिष्ठित पुरस्कार पाने वाले आंबेडकर कॉलेज के भी पहले शिक्षक हैं। यह पुरस्कार डीयू के 99वें स्थापना दिवस पर प्रदान किया गया।

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