व्यापार और अर्थव्यवस्था
कैबिनेट ने कोकिंग कोल में सहयोग पर रूस के साथ समझौते को मंजूरी दी
नई दिल्ली | केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को भारत और रूस के बीच एक प्रमुख इस्पात बनाने वाले कच्चे माल कोकिंग कोल पर सहयोग के संबंध में एक समझौते को मंजूरी दे दी है। इसके लिए घरेलू स्टील कंपनियां कुछ चुनिंदा देशों के आयात पर निर्भर रहती हैं।
इस मंज़ूरी के बाद अब भारत कोकिंग कोल में सहयोग पर रूस के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार है। कोकिंग कोल् का उपयोग स्टील बनाने के लिए किया जाता है। भारत के इस्पात मंत्रालय और रूस के ऊर्जा मंत्रालय के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी की बैठक में निर्णय लिए जाने के बाद एक सरकारी बयान में कहा गया, “समझौता ज्ञापन पूरे इस्पात क्षेत्र को उनकी इनपुट लागत को कम करके लाभान्वित करेगा। इससे देश में स्टील की लागत में कमी आ सकती है और इक्विटी और समावेशिता को बढ़ावा मिल सकता है।”
समझौता ज्ञापन दोनों देशों के बीच कोकिंग कोल क्षेत्र में सहयोग के लिए एक संस्थागत तंत्र प्रदान करेगा।
एएमयू का उद्देश्य इस्पात क्षेत्र में भारत और रूस के बीच सहयोग को मजबूत करना है। सहयोग में शामिल गतिविधियों का उद्देश्य कोकिंग कोल के स्रोतों में विविधता लाना है।