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सेमीफाइनल में हार के साथ लवलीना को कांस्य पदक से करना पड़ा संतोष

भारत की महिला मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन को यहां जारी टोक्यो ओलंपिक के 69 किग्रा भार वर्ग, जिसे वेल्टरवेट कटेगरी भी कहा जाता है, उसके सेमीफाइनल में मुकाबले में तुर्की की बुसेनाज सुरमेनेली के हाथों 0-5 से हार का सामना कर कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा है।
सभी जजों ने सर्वसम्मति से फैसला लिया और इसके साथ ही असम की मुक्केबाज लवलीना का फाइनल में जाने का सपना चकनाचूर हो गया और उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। लवलीना के कांस्य जीतने के साथ ही भारत ने टोक्यो ओलंपिक में अपना तीसरा पदक हासिल कर लिया है।
सुरमेनेली ने पहले और दूसरे राउंड में सभी पांचों जजों को प्रभावित किया और 10-10 अंक बटोरे जबकि लवलीना को पांचों जजों से पहले दो राउंड में नौ-नौ अंक मिले। सुरमेनेली तीसरे राउंड में भी लवलीना पर भारी पड़ती दिखीं और उन्होंने तीसरे राउंड में भी सभी जजों से 10-10 अंक लिए। लवलीना को तीसरे राउंड में दो जजों ने नौ-नौ अंक और तीन जजों ने आठ-आठ अंक दिए।
विश्व चैंपियनशिप और एशियाई चैंपियनशिप में पदक जीत चुकी लवलीना भारत के लिए ओलंपिक मुक्केबाजी में पदक सुनिश्चित करने वाली दूसरी महिला और तीसरी मुक्केबाज हैं। इससे पहले एमसी मैरीकोम (2012 लंदन ओलंपिक) और विजेंदर सिंह (2008 बीजिंग ओलंपिक) ने भारत के लिए कांस्य पदक जीते हैं।
लवलीना का टोक्यो ओलंपिक में सफर यादगार रहा और उन्होंने अंतिम-16 राउंड के मुकाबले में जर्मनी की एदिन एपेट को 3-2 से हराकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई। इसके बाद लवलीना का सामना ताइवान की नेन चिन चेन से हुआ, जहां वह 4-1 से विजयी रहीं।
क्वार्टर फाइनल में जीत हासिल करने के साथ ही लवलीना ने देश के लिए पदक पक्का कर लिया था। हालांकि, देश को उनसे स्वर्ण पदक लाने की उम्मीद जगी थी लेकिन सेमीफाइनल में हार के साथ यह सपना टूट गया।

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