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प्रधानमंत्री मोदी ने की देश में कोविड से निपटने के लिए स्थिति की समीक्षा की

नई दिल्ली | कोरोना की किसी भी चुनौती से निपटने के लिए देश में पिछले लगभग 6 महीनों के दौरान स्वास्थय व्यस्थाओं (Medical facilities) और बुनियादी ढांचे (MEdical Infrastructure) का व्यापक विस्तार और सुधार किया गया है। इन्ही स्वास्थय व्यस्थाओं और कोरोना संक्रमण की किसी भी अगली लहर से निपटने के लिए देश कितना तैयार है इसका जायज़ा स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister NArendra Modi) ने शुक्रवार को लिया। 
प्रधानमंत्री ने देश भर में कोविड-19 (Covid – 19) की मौजूदा स्थिति की समीक्षा की और उन्हें स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारियों, मेडिकल ऑक्सीजन (MEdical Oxygen) की उपलब्धता और कोविड 19 टीका के उत्पादन, आपूर्ति और वितरण से संबंधित मामलों के बारे में जानकारी ली। इस दौरान अधिकारियों ने उन्हें अधिक सकारात्मकता टेस्ट वाले जिलों के साथ-साथ सप्ताह दर सप्ताह टेस्ट पॉजिटिविटी दर से मामलों से भी अवगत कराया गया।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने वायरस के नए नए वैरिएंट्स और म्युटेशन पर भी लगातार नज़र बनाये रखने पर ज़ोर दिया।  उन्होंने इसके लिए निरंतर जीनोम अनुक्रमण (genome sequencing) की आवश्यकता के बारे में बात की। । उन्हें बताया गया कि आईएनएसएसीओजी देश भर में 28 प्रयोगशालाओं से मिलकर, क्लीनिकल सहसंबंध के लिए एक अस्पताल नेटवर्क से भी जुड़ा हुआ है। जीनोमिक निगरानी के लिए सीवेज का नमूना भी लिया जा रहा है और जिन राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे नियमित रूप से आईएनएसएसीओजी के साथ पॉजिटिव कोविड नमूने साझा करें।
उन्होंने ‘कोविड इमरजेंसी रिस्पांस पैकेज दो’ (Covid emergency response package 2) के तहत बाल चिकित्सा देखभाल और समर्थित सुविधाओं के लिए बिस्तर क्षमता में वृद्धि की स्थिति की समीक्षा की और यह भी बताया गया कि राज्यों को ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक देखभाल और ब्लॉक स्तर के स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को फिर से डिजाइन और उन्मुख करने की सलाह दी गई है।
उन्हें बताया गया कि राज्यों को जिला स्तर पर कोविड -19, म्यूकोर्मिकोसिस, एमआईएस-सी के प्रबंधन में इस्तेमाल होने वाली दवाओं के लिए बफर स्टॉक बनाए रखने के लिए भी कहा जा रहा है।
प्रधानमंत्री को आइसोलेशन, ऑक्सीजन और आईसीयू बेड और बाल चिकित्सा और बाल चिकित्सा वेंटिलेटर में वृद्धि के बारे में बताया गया और आने वाले महीनों में महत्वपूर्ण संख्या में आईसीयू और ऑक्सीजन बेड जोड़े जाएंगे।
उन्हें यह भी बताया गया कि जन स्वास्थ्य सुविधाओं में आरटी-पीसीआर लैब सुविधा स्थापित करने के लिए 433 जिलों को सहयोग दिया जा रहा है।
यह देखते हुए कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, सिलेंडर और पीएसए प्लांटों सहित ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को तेजी से बढ़ाने की जरूरत है। मोदी को बताया गया कि राज्यों को लगभग 1 लाख ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और 3 लाख ऑक्सीजन सिलेंडर वितरित किए गए हैं और प्रति जिले में कम से कम एक ऐसी इकाई का समर्थन करने के उद्देश्य से 961 एलएमओ भंडारण टैंक और 1,450 मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम स्थापित करने के लिए भी प्रयास कर रहे हैं।
प्रति ब्लॉक कम से कम एक एम्बुलेंस सुनिश्चित करने के लिए एम्बुलेंस नेटवर्क को भी बढ़ाया जा रहा है। उन्हें बताया गया कि भारत की लगभग 58 प्रतिशत वयस्क आबादी ने पहली खुराक प्राप्त कर ली है और लगभग 18 प्रतिशत दोनों खुराक प्राप्त कर चुके हैं।

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