आस्था व श्रद्धा का प्रतीक जनपद अमरोहा का तिगरी गंगा मेला

तिगरी अमरोहा जिले में पवित्र गंगा नदी के तट पर तथा मुरादाबाद से लगभग 62 किलोमीटर दूर स्थित है। प्रत्येक वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर यहाँ एक प्रसिद्ध गंगा मेला आयोजित होता है और हजारों लोग पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाते हैं।
अमरोहा का यह प्रसिद्ध तिगरी मेला कब से आरम्भ हुआ इसका कोई अभिलेखित प्रमाण नहीं है। यहाँ की जिला पंचायत में भी इससे सम्बन्धित कोई लिखित साक्ष्य नहीं है परन्तु लोक मान्यता के अनुसार इस मेले का आरम्भ त्रेता युग से है। आरम्भ में यह मेला गढ़ क्षेत्र में स्थित प्राचीन कुए के समीप आयोजित किया जाता था। कालान्तर में गंगा नदी की धारा प्रवाह परिवर्तन के परिणाम स्वरूप इस मेले का वर्तमान आयोजन स्थल तिगरी है। समय के साथ इसकी मान्यता बढ़ती गई और वर्तमान में यह मेला भव्य रूप में आयोजित किया जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा व दिल्ली समेत अन्य के प्रदेशों से लाखों श्रद्धालु इस मेले में आकर 5 दिनों तक रुकते हैं तथा कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र गंगा नदी में स्नान के पश्चात अपने गंतव्य वापस चले जाते हैं। एक अनुमान के अनुसार इस मेले में प्रतिवर्ष लगभग 10 लाख से अधिक श्रद्धालु आते हैं।
लोक मान्यता के अनुसार जब त्रेता युग में श्रवण कुमार अपने नेत्रहीन माता-पिता को कांवड़ में लादकर तीर्थयात्रा कराने निकले, तब कार्तिक माह की एकादशी को उन्होंने नग कुएं पर विश्राम लिया था। उस समय श्रवण कुमार के सेवाभाव को देखने के लिए हजारों लोगों की भीड़ इस स्थान पर उमड़ी थी और तभी से यह मेला आयोजित हो रहा है। मान्यता यह भी है कि पांडवों ने कार्तिक पूर्णिमा से एक दिवस पहले इसी स्थान पर पवित्र गंगा नदी में दीपदान किया था, तब से प्रत्येक वर्ष हजारों की संख्या में श्रद्धालु इस स्थान पर मृत आत्माओं की शांति के लिए दीपदान करते हैं।