सपा ने जानबूझकर बेटे के खिलाफ उसके पिता को दिया टिकट, पिता ने कहीं और से मांगी थी सीट
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यूपी विधानसभा चुनावों को लेकर पार्टियां दमखम लगा रही हैं। लिहाजा कोई भी पार्टी किसी तरह की कसर छोड़ना नहीं चाहती। समाजवादी पार्टी ने बीते दिन आजमगढ़ की 10 में से 7 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा की। लेकिन ये घोषणा काफी दिलचस्प है क्योंकि फूलपुर पवई से सपा ने रमाकांत यादव को मैदान में उतारा है।
वहीं इसी सीट से उनके पुत्र अरुणकांत यादव भारतीय जनता पार्टी से विधायक हैं। ऐसे में फूलपुर पवई की लड़ाई दिलचस्प हो गई है। दो विरोधी दलों की रणनीति एक ही कैम्पस में तय मानी जा रही है. माना जा रहा है कि चुनावी दंगल में पिता-पुत्र आमने सामने हो सकते हैं।
सपा से घोषित प्रत्याशी और पूर्व सांसद रमाकान्त यादव ने कहा कि सपा मुखिया अखिलेश यादव ने हम पर विश्वास करके फूलपुर पवई से टिकट दिया है। हमारी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि मैं फूलपुर पवई विधानसभा की सीट जीतकर उनके विश्वास पर खरा उतरूं। जहां तक पुत्र के खिलाफ चुनाव लड़ने की बात है तो यह बाप-बेटे की आपस की बातें हैं, इसे हम लोग समझ लेंगे। इस पर मेरी कोई टिप्पणी नहीं रहेगी।
वहीं पिता-पुत्र के आमने-सामने आने की स्थिति को लेकर विधायक अरुणकांत यादव कहते हैं कि भाजपा में था और रहूंगा, जो जिम्मेदारी पार्टी देगी, उसका निर्वहन करेंगे। चुनावी लड़ाई कोई तलवार से नहीं लड़नी है, विचारों की लड़ाई है। एक पिता के सामने आत्मनिर्भर बनने का मौका है, जिसका हम बखूबी निर्वहन करेंगे। बता दें कि रमाकांत यादव पांचवीं बार और सपा से दूसरी बार विधानसभा का चुनाव लडे़ंगे।