व्यापार और अर्थव्यवस्था
टेस्ला के लिए भारत अभी दूर, उच्च आयात शुल्क को लेकर विवाद
नई दिल्ली | देश में कार प्रेमियों को टेस्ला (Tesla) के लिए अभी थोड़ा और इंतज़ार करना पड़ सकता है। लम्बे आरसे से टेस्ला का इंतज़ार कर रहे भारतीयों को देश में अत्यधिक आयात शुल्क (Import Duty on Cars) के चलते ये देरी सहनी पड़ रही है। गौरतलब है की एलन मस्क (Elon Musk) और भारत सरकार के बीच आयात शुल्क को लेकर विवाद अभी भी सुलझा नहीं है। टेस्ला वर्षों से देश में प्रवेश करने वाली सबसे प्रतिष्ठित इलेक्ट्रिक कार (Electronic Car company) कंपनी है।
हालांकि ब्लू टेस्ला मॉडल 3 को हाल ही में पुणे में सड़कों पर देखा गया था, लेकिन टेस्ला की लंबी यात्रा अभी आसान नहीं होगी। भारत में मस्क के लिए लंबी और दर्दनाक यात्रा शुरू हुई है, जहां उसके लिए बड़ी कमाई का एकमात्र विकल्प ये है कि सरकार की ईवी योजना के तहत स्थानीय स्तर पर कारों का निर्माण और संयोजन किया जाए।
सरकार टेस्ला को अन्य रियायतों की पेशकश के साथ-साथ आयात शुल्क कम करने पर विचार कर सकती है, लेकिन इसके लिए ईवी प्रमुख को देश में एक विनिर्माण सुविधा स्थापित करने में निवेश करना होगा।
उद्योग के विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में पूरी तरह से आयातित कारों पर आयात शुल्क मस्क के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है।
वर्तमान में, भारत 40,000 डॉलर (30 लाख रुपये) से अधिक कीमत की आयातित कारों पर बीमा और शिपिंग खर्च सहित 100 प्रतिशत कर लगाता है, और 40,000 डॉलर से कम की कारों पर 60 प्रतिशत आयात कर लगता है।
मस्क ने हाल ही में कहा था कि वह भारत में कार लॉन्च करना चाहते हैं, लेकिन ईवी पर देश का आयात शुल्क दुनिया में अब तक का सबसे अधिक है। उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट किया, हम ऐसा करना चाहते हैं, लेकिन यहां किसी भी बड़े देश की तुलना में आयात शुल्क दुनिया में सबसे अधिक है।
यह पहली बार नहीं है जब टेस्ला के सीईओ (Tesla CEO) ने आयात शुल्क पर चिंता जताई है। रॉय ने कहा कि वह उम्मीद करेंगे कि टेस्ला भारत की त्रि-आयामी रणनीति पर विचार करे।
उन्होंने कहा,इसे सॉफ्टवेयर के, परीक्षण और आरएंडडी के लिए एक आधार बनाना चाहिए, साथ ही चार्जिंग नेटवर्क के लिए वितरण टाई-अप का पता लगाना और मॉडल 3 खरीदारों के लिए समर्थन करना चाहिए। इसके अलावा, मॉडल 3 को शुरू में असेंबल करने के लिए टाई-अप का मूल्यांकन करना चाहिए, जबकि बॉडी और मोटर के अलावा अन्य घटकों के लिए स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं की सोर्सिंग करनी चाहिए।