आज हम आपको हंसी की यात्रा पर ले चलते है

गर्मी की छुट्टी
मैं क्लास 10th में पढ़ता हु, और जिस स्कूल में, मैं पढ़ता हु वहां सब बच्चे अमीर है और मैं ठहरा गरीब,
सब बच्चे कश्मीर और शिमला घूमने जाते है और मैं, नानी के घर,
एक बार तो मामी का फ़ोन आ गया, बोली , आ न जइयो इस बार मैं भी तो कई घूमने जाउंगी, हम लोग नानी के घर इतनी बार जा चुके है की लोगो को मेरे पापा घर जमाई लगते है।
इस बार मैंने पापा से कह दिया मैं नहीं जाऊंगा नानी के घर, वो इस लिए,
एक बार मैं खाना खा रहा था नानी ने कहा बेटा आराम से खा मैंने कहा आराम से तो खा रहा हु नानी गुस्से से बोली नहीं बेटा और आराम से खा क्योंकि , खाना हराम का तो है यार मेरे नानी के साथ रिलेशन ख़राब हो रहा है तो भाई अब मैं नहीं जाता, नानी के घर नहीं, स्कूल, क्योंकि पापा ने मेरा नाम किसी गरीब स्कूल में लिखा दिया ना जहां सब बच्चे नानी के घर ही जाते है।
तो आपको हंसी की यात्रा कैसी लगी, ऐसी ही स्टोरी के लिए मेधज न्यूज़ के पेज को लाईक करते रहिये