2016 के स्टिंग ऑपरेशन के बाद इस तरह बिहार बोर्ड करता है टॉपर्स का सत्यापन

बिहार में मैट्रिक और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर नकल असंख्य के मामले अक्सर समाचार बनते हैं। राज्य की दयनीय शिक्षा प्रणाली 2016 में प्रमुखता से सुर्खियों में आई, जब कक्षा 12 की मानविकी (Humanities) की टॉपर रूबी राय अपने विषय के सरल प्रश्नों का भी उत्तर देने में विफल रहीं। उन्होंने राजनीति विज्ञान में महारत हासिल की थी, लेकिन कहा कि विषय आज तक के एक स्टिंग ऑपरेशन के दौरान खाना पकाने के बारे में था। इसी तरह, कक्षा 12 विज्ञान के टॉपर सौरभ श्रेष्ठ अपने विषयों के बहुत ही बुनियादी सवालों के हास्यास्पद जवाब देते हुए पकड़े गए। इन कार्रवाइयों से बिहार की शिक्षा व्यवस्था की खामियों को लेकर कई सवाल उठे थे। तब से इन समस्याओं से बचने के लिए कई कड़े उपाय तैयार किए गए हैं।
जैसा कि रिपोर्ट्स में कहा गया है, बिहार बोर्ड के टॉपर्स की लिखावट विशेषज्ञों द्वारा सत्यापित की जाती है।
विशेषज्ञों द्वारा उनके लेखन को सावधानीपूर्वक प्रमाणित करने के बाद 13-14 परीक्षकों द्वारा उनका साक्षात्कार लिया जाता
है। सभी स्ट्रीम के टॉपर्स से 30-40 अच्छे प्रश्न पूछे जाते हैं ताकि यह पुष्टि हो सके कि उन्होंने अनुचित तरीकों
से परीक्षा पास नहीं की है। इतना ही नहीं, उन्हें अंग्रेजी में भी अपना परिचय देने को कहा जाता है। इस प्रक्रियों से
गुजरने के बाद ही बिहार बोर्ड उन्हें टॉपर घोषित करता है।
परीक्षकों को उम्मीद है कि इस साल बोर्ड के नतीजों में रूबी और सौरभ के मामले
गलतियाँ दोबारा नहीं होगी। बीएसईबी (बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड) कक्षा 12 बोर्ड परिणाम-2023 को 6 मार्च तक घोषित होने की उम्मीद है जिसमें 13 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने परीक्षा दी थी। बिहार बोर्ड
कक्षा 10 के परिणाम की कोई आधिकारिक तारीख अभी तक घोषित
नहीं की गई है। वे biharboardonline.bihar.gov.in
पर उपलब्ध उत्तर कुंजी (Answer Keys) डाउनलोड कर सकते हैं।