दिल्ली विश्वविद्यालय ने मेडिटेशन और मेन्टल हेल्थ पर सेशन आयोजित किया -Medhaj News

दिल्ली विश्वविद्यालय ने शुक्रवार को ध्यान (मेडिटेशन) और मानसिक स्वास्थ्य (मेन्टल हेल्थ) पर एक विशेष सत्र आयोजित किया, जहां मुख्य अतिथि, आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने कहा कि डिग्री प्राप्त करना और नौकरी प्राप्त करना जीवन का लक्ष्य नहीं होना चाहिए, बल्कि जीवन को एक व्यापक दृष्टिकोण से देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब लोग जीवन के बारे में व्यापक दृष्टिकोण नहीं रखते हैं तो वे आत्महत्या की ओर बढ़ते हैं।
इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए कहा कि जब हम कुछ करने के बजाय कुछ बनने के बारे में सोचने लगते हैं तो हमारी शक्ति कम हो जाती है। कार्यक्रम की अध्यक्षता दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश सिंह ने की। सभा को संबोधित करते हुए रविशंकर ने कहा, "डिग्री हासिल करना और नौकरी पाना जीवन का लक्ष्य नहीं होना चाहिए, बल्कि जीवन को व्यापक दृष्टिकोण से देखना चाहिए। लोग आत्महत्या की ओर तब बढ़ते हैं जब उनका जीवन के प्रति व्यापक दृष्टिकोण नहीं होता है।
उन्होंने कहा, 'जब हम सिर्फ अपने बारे में सोचने लगते हैं और सबसे कट जाते हैं तो डिप्रेशन का दरवाजा खुल जाता है। उन्होंने कहा कि हर 40 सेकंड में एक व्यक्ति आत्महत्या कर रहा है। पिछले साल अमेरिका में 400 डॉक्टरों ने आत्महत्या की थी। ऐसा इसलिए है क्योंकि हमने कई सालों से मेंटल हेल्थ पर ध्यान नहीं दिया है। भारत के युवा भारत का ही नहीं बल्कि विश्व का भविष्य हैं। अमेरिका में नासा जैसी संस्था में 34 प्रतिशत वैज्ञानिक भारतीय हैं।
हरियाणा के मुख्यमंत्री और दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि जब हम सोचते हैं कि कुछ करना है तो कोई तनाव नहीं होता है, बल्कि तनाव तब होता है जब हम यह सोचने शुरू करते हैं कि क्या बनना है।
उन्होंने कहा 1972 से 1980 तक मैं दिल्ली में रहा और यहीं से मुझ को देश सेवा की दिशा मिली। 1980 में आरएसएस प्रचारक बनने के बाद मुझे कभी तनाव नहीं हुआ। खट्टर को कुलपति ने डिग्री भी प्रदान की। दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) के छात्र रहे खट्टर ने कहा कि उन्होंने 1972 में विश्वविद्यालय से स्नातक किया था।