कहानी गरीबदास की

कहानी गरीबदास की -मेधज न्यूज़
एक बार गरीबदास अपने सर पर तेल से भरा बर्तन लेकर जा रहा था और साथ ही मन ही मन सोच रहा था कि मैं एक बकरी खरीद सकता हूँ। बकरी के बच्चे होंगे फिर उनके भी बच्चे होंगे। और इस तरह से मैं ढेर सारी बकरियां अच्छे पैसे में बेचकर एक अमीर आदमी बन जाऊंगा।”
गरीबदास को फिर चिंता सताने लगी कि आखिर इतना सारा पैसे का मैं करूँगा क्या?
तभी वहां से मवेशियों का झुंड गुजरा।
फिर तो गरीबदास की खुशी का ठिकाना ना रहा। वह सोचने लगा “अरे हाँ, मैं उस पैसे से एक गाय खरीद सकता हूँ। गाय मुझे दूध देगी। मैं दूध बेच दूंगा। और फिर उस पैसे से मैं एक खेत खरीदूंगा। मैं खेत जोतने के लिए एक जोड़ी बैल भी खरीदूंगा। फिर मैं फसल उगाऊँगा और एक लड़की से शादी करूँगा।
गरीबदास सपने देखता अपनी धुन में शहर की तरफ चला जा रहा था। तभी दुर्भाग्य से, सड़क पर सामने खड़े बैल से जा टकराया
और गरीबदास जमीन पर गिर गया।
जमीन पर गिरने की वजह से उसके सिर पर रखा बर्तन भी नीचे गिरकर टूट गया और उस बर्तन का पूरा तेल जमीन पर फैल गया। गरीबदास बोला- “हे मूर्ख जानवर, तूने मेरी ज़िंदगी बर्बाद कर दी। मैंने अपना तेल खो दिया। मैंने बकरी खो दी। मैंने गाय खो दी। मैंने अपना खेत और अपने बैल खो दिए। मैंने तुम्हारी वजह से अपना सब कुछ खो दिया!”
बेचारा गरीबदास इतना होने के बाद अपनी किस्मत को कोसता हुआ उल्टे पांव अपने घर की ओर लौट आया।
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