ख़ुशी का खजाना- हँसी भरे और फनी जोक्स के साथ

डॉक्टर- तुम
कौन
सा
साबुन
इस्तेमाल
करते
हो?
अमित– बजरंग
का
साबुन।
डॉक्टर – पेस्ट?
अमित– बजरंग
का
पेस्ट।
डॉक्टर – शैंपू?
अमित– बजरंग
का
शैंपू।
डॉक्टर – अरे
यार
..आखिर
ये
बजरंग
कौन
सी
कंपनी
है?
अमित – बजरंग
मेरा
रूम
पार्टनर
है।
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आदमी – भाई
साहब
यह
स्कूटर
स्टैंड
कहाँ
है।
राहुल– भाई
साहब
आप
पहले
मुझे
अपना
नाम
बताओ?
आदमी – मोहित।
राहुल– अब
अपने
माता-पिता
का
नाम
बताओ?
आदमी – मुझे
पिक्चर
देखने
जाना
है,
आप मेरा
समय
बर्बाद
किए
बिना
बताइए
स्कूटर
स्टैंड
कहाँ
है
राहुल– तभी
तो
बोल
रहा
हूँ,
जल्दी
बताओ?
आदमी – मेरी
माता
का
नाम
आशा
देवी
है,
और
वो
टीचर
हैं।
पिता जी
का
नाम
राजेश
शर्मा
है,
और
वो
वकील
है।
राहुल – सब
पढ़े
लिखे
हैं।
आदमी – हाँ
अब
बताओ
स्कूटर
स्टैंड
कहाँ
पर
है?
राहुल – पढ़े
लिखे
माँ
पिता
के
बेटे
स्कूटर
स्टैंड
स्कूटर
के
नीचे
होता
है।
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सूरज– मेरे
दादा
जी
इतने
अमीर,
और
भुलक्कड़
थे
कि
लाठी बिस्तर
पे
रख
के
खुद
कोने
में
सो
जाते
थे।
रामू– अबे
ये
तो
कुछ
भी
नही।
सूरज– कैसे?
रामू– मेरे
दादा
जी
इतने
अमीर,
और
भुलक्कड़
थे
की
पान चबा
कर
बिस्तर
पे
थूक
देते
और
खुद
खिड़की
से
नीचे
कूद
जाते
थे।
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मोहन बहुत
भयंकर
तरीके
से
रो
रहा
था,
तो
रोहन
ने
उससे
पूछा,
रोहन :- भाई
तू
इतना
रो
क्यों
रहा
है,
मोहन :- आज
ना
मेरे
घर
के
पीछे
वाले
उमेश
काका
का
हाथी
मर
गया
है,
रोहन :- यानि
तुम
उस
हाथी
से
बहुत
प्यार
करते
थे,
मोहन :- नही
भाई
मैं
इसलिए
नहीं
रो
रहा
हूँ।,
मैं तो
इसलिए
रो
रहा
हूँ
क्योंकि
उस
हाथी
की
कब्र
खोदने
का
काम मुझे
सौफ़ा
गया
है
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