कुछ ख़ास दे तू यू खुदा जो साथ काटे संग मेरे

* कुछ ख़ास दे तू यू खुदा
जो साथ काटे संग मेरे
भले थोड़ा लड़ जगड़ ले
पर जज़्बात बॉंटे संग मेरे
दिन के उजाले में सब साथ हैं
में उसके लिए हर खुशियाँ
कर लूंगा जमा
बस इतनी सी हैं चाहत
की वो अपनी अंधरी
रात काटे संग मेरे
याद आती हैं कुछ बाते जो
जो सोच कर खुद पे हंस जाते है
जो आये जिंदगी में
उससे हैं ये गुजारिश
की याद नहीं
एक जिंदगी काटे संग मेरे
* कुछ ख़ास दे तू यू खुदा
जो साथ काटे संग मेरे
भले तोडा लड़ जगड़ ले
पर जज़्बात बॉंटे संग मेरे
Poet - Mohit singh Negi