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शिवोहम

शिवोहम

ॐ नमः शिवाय 
शिव-शिव शिवोहम, शिव शम्भू ...शिव-शिव शिवोहम; 
शिव-शिव शिवोहम, शिव शम्भू ...शिव-शिव शिवोहम।

महारुद्र तू, महाकाल तू,
है सूक्ष्म तू, विकराल तू,
निर्मोही भी, है निष्प्रेम भी,
है मोह का मायाजाल तू;

शिव-शिव शिवोहम, शिव शम्भू ...शिव-शिव शिवोहम।

तू ही आदि है, है अंत तू,
है भोला भी, है सख्त तू,
है विष्णु भी, है ब्रह्म भी,
है आदियोगी, परब्रह्म तू;
 
शिव-शिव शिवोहम, शिव शम्भू ...शिव-शिव शिवोहम।

अपरिमित शक्ति का, है भंडार तू,
है इस सृष्टि का, आधार तू;
है रूप तू, आकार तू, 
है अदृश्य और निराकार तू;
 
जितना भी करें हम वर्णन, लगे वही कम;
शिव-शिव शिवोहम, शिव शम्भू ...शिव-शिव शिवोहम।

भैरव भी तू, है नटराज तू,
तू ही नीलकंठ, है ओमकार तू,
देवों का तू, महादेव है,
है जगत का, पालनहार तू;

शिव-शिव शिवोहम, शिव शम्भू ...शिव-शिव शिवोहम।
औघड़ भी तू, दानी भी तू,
तू ही शब्द है, वाणी भी तू,
तू ही सारे भावों का सार है,
है अंतहीन कहानी भी तू;


शिव-शिव शिवोहम, शिव शम्भू ...शिव-शिव शिवोहम।

है चेतना, है अचेत तू,
है आशुतोष, है सर्वेश तू,
अजा है तू, है करूणानिधि,
दिगंबर है तू, है महेश तू;


तेरा गुंजन करने को, हम नहीं हैं सक्षम; 
शिव-शिव शिवोहम, शिव शम्भू ...शिव-शिव शिवोहम।

तू ही सत्य है, है सुन्दर भी तू,
है त्रिलोकपति, है शंकर भी तू,
स्थिर भी है, है गतिमान तू,
सृष्टि रक्षा हेतु, करे विषपान तू:

शिव-शिव शिवोहम, शिव शम्भू ...शिव-शिव शिवोहम।

तू ही राग है, है संगीत भी तू,
मृत्युञ्जय भी तू, और जीवन गीत भी तू,
तू ही सारे नियमों का ज्ञाता है,
है रीति भी तू, और नीति भी तू;


हे महादेव, हे त्रिपुरारी, तुम सा नहीं कोई सम;
शिव-शिव शिवोहम, शिव-शम्भू...शिव-शिव शिवोहम,

है अग्नि भी, है नीर तू,
है उन्मुक्त भी, है गम्भीर तू,
है धीर भी, है अधीर तू,
है साईं भी, है कबीर तू।

हे निरंजन, हे कालदेव, हम तेरी हैं शरणम;
शिव-शिव शिवोहम, शिव-शम्भू... शिव-शिव शिवोहम।

शिव-शिव शिवोहम, शिव शम्भू ...शिव-शिव शिवोहम।
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महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं...हर-हर महादेव !!
----(Copyright@भावना मौर्य "तरंगिणी")----