दुनिया का भारत को देखने का नज़रिया बदला है: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

संसद के संयुक्त सत्र में
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के साथ ही बजट सत्र की शुरुआत हो गई, पद संभालने
के बाद पहली बार संसद को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रपति ने सरकार को खूब सराहा उन्होंने
कहा सरकार के लगभग नौ वर्षीं में अनेक सकारात्मक परिवर्तन दिख रहे हैं सबसे बड़ा परिवर्तन
यह है कि आज हर भारतीय का आत्मविश्वाश शीर्ष पर है तथा दुनिया का भारत को देखने का
नजरिया बदला है।
हमें
2047 तक ऐसे भारत के निर्माण करना है जिसमे गरीबी न हो, जिसका मध्यम वर्ग भी वैभव से
युक्त हो
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
ने कहा हमें 2047 तक ऐसा भारत बनाना है जो अपने मानवीय दायित्वों को पूरा करने में
समर्थ हो तथा आत्मनिर्भर भी हो, जो अतीत से जुड़ा हो तथा जिसमें आधुनिकता का हर स्वर्णिम
अध्याय हो, जिसमे गरीबी न हो जिसका मध्यम वर्ग भी वैभव से युक्त हो, जिसकी विविधता
और अधिक उज्जवल हो तथा जिसकी एकता और अधिक अटल हो।
सरकार
की प्राथमिकता में देश के 11 करोड़ छोटे किसान
अभिभाषण के दौरान राष्ट्रपति
ने कहा सरकार की प्राथमिकता में देश के 11 करोड़ छोटे किसान भी हैं उन्होंने कहा पीएम
किसान सम्मान निधि से इन छोटे किसानों को सवा दो लाख करोड़ से अधिक की मदद दी गई है
इन लाभार्थियों में तीन करोड़ महिलाएं हैं जिनको लगभग 54 हजार करोड़ रुपये मिल चुके हैं,
उन्होंने कहा सरकार ने समाज की हर उस इच्छा को पूरा किया है जो सदियों से वंचित रही
थी।
सरकार
ने विरासत को मजबूती देने और विकास को प्राथमिकता देने की राह चुनी
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
ने कहा हमारी विरासत हमें जड़ों से जोड़ती ही तथा विकास का आसमान छूने का हौसला देती
है, देश में एक तरफ अयोध्या धाम का निर्माण हो रहा है वहीं दूसरी तरफ संसद भवन भी बन
रहा ही, एक तरफ काशी विश्वनाथ, केदारनाथ तथा महाकाल महालोक का निर्माण हुआ है वहीँ प्रत्येक
जिले में मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं, उन्होने कहा एक तरफ काशी तमिल संगमम से हम एक भारत
श्रेष्ठ भारत की भावना को मजबूत कर रहे हैं वही दूसरी और एक राष्ट्र एक राशन कार्ड
जैसी व्यवस्था भी बना रहे है, भारत की तकनीक का लोहा आज पूरी दुनिया मान रही है, उन्होंने
कहा सरकार गुलामी के हर निशान, हर मानसिकता से मुक्ति दिलाने के लिए निरंतर प्रयासरत
है।