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पीएम मोदी का लक्ष्य डिजिटल इण्डिया के माध्यम से शासन की योजनाओं को आमजन तक पहुंचना

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि यह क्षण ऐतिहासिक है। देश की किसी भी विधान सभा में ई-विधान पहली बार लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में विगत डेढ़ महीने में पेपरलेस विधान सभा का कार्य किया गया है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के युग में आधुनिक डिजिटल तकनीक को अपनाया जाना आवश्यक है।
विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री का संकल्प पूरे देश की विधान सभाओं को एक पोर्टल पर लाने का है। इसी उद्देश्य से नेवा (नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन) लागू किया गया है। इससे देश की सभी विधान सभाओं में एकरूपता होगी। उन्होंने कहा कि लोक सभा में अधिक से अधिक सदस्यों को बोलने का अवसर उपलब्ध कराने के लिए व्यवस्था बनायी गयी है। प्रदेश की विधान सभा में भी इसे लागू करने का प्रयास किया जाएगा।
विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि अब सदन में सभी सदस्यों के बैठने के लिए सीट निर्धारित कर दी गयी है। सभी सदस्य अपनी निर्धारित सीट पर ही बैठेंगे और वहीं से अपनी बात रखेंगे। ई-विधान एक नयी व्यवस्था है। सदस्यों को भलीभांति इसे अपनाने के लिए प्रशिक्षण लेना पड़ेगा। सीखना एक निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है। सीखने में संकोच नहीं करना चाहिए। लोक सभा की कैण्टीन से प्रेरणा लेकर प्रदेश विधान सभा की कैंटीन को बेहतर बनाया जाएगा।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला का स्वागत किया। उन्होंने विधान सभा अध्यक्ष को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इण्डिया कार्यक्रम को ‘वन नेशन-वन एप्लीकेशन’ के माध्यम से चरितार्थ करने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने डिजिटल इण्डिया के माध्यम से शासन की योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने पर जोर दिया है। राज्य सरकार द्वारा विगत 05 वर्ष में समाज के अन्तिम पायदान तक के लोगों को शासन की योजनाओं से जोड़ने का कार्य किया गया। डी0बी0टी0 के माध्यम से शासन की योजनाओं को अन्तिम व्यक्ति तक पहुंचाने के उत्साहवर्धक परिणाम आये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधान सभा के निर्वाचित सदस्य प्रदेश की लगभग 25 करोड़ जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं। शासन की योजनाओं को बनाने तथा जनता तक पहुंचाने में इनकी बड़ी भूमिका है। उन्होंने प्रदेश विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष का कार्यक्रम में सम्मिलित होने तथा ई-विधान लागू करने के लिए शुभेच्छा व्यक्त करने हेतु धन्यवाद देते हुए विश्वास व्यक्त किया कि इस तकनीक की मदद से प्रदेश की 25 करोड़ जनता के हितों के लिए मिलकर कार्य कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रतिपक्ष के आलोचनात्मक प्रश्न शासन को जनता के लिए अनेक महत्वपूर्ण कार्य करने में मदद करते हैं। सत्ता पक्ष व प्रतिपक्ष प्रतिबद्ध होकर जनता के लिए कार्य करें, तो बहुत सी समस्याओं का समाधान होता है।
सीएम योगी ने कहा कि लोक सभा अध्यक्ष जनवरी, 2020 में संसदीय लोकतंत्र को सुदृढ़ करने के सम्बन्ध में तमाम विधान मण्डलों से जुड़े पदाधिकारियों के सम्मेलन को सम्बोधित करने इस सदन में आए थे। 17वीं विधान सभा इस दृष्टि से अत्यन्त समृद्धशाली थी। यद्यपि उस दौरान 02 वर्ष कोरोना कालखण्ड की चुनौती में गुजरे, किन्तु उस दौरान भी प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में सत्र बाधित नहीं होने दिया गया। सदन के वरिष्ठ सदस्य वर्चुअली जुड़कर कार्यवाही में सम्मिलित हुए।
सीएम योगी ने आगे कहा कि प्रदेश विधान सभा में विगत 05 वर्षाें में अनेक कार्यक्रम हुए हैं। 02 वर्ष पूर्व पेपरलेस बजट प्रस्तुत किया गया था। आज नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन का सपना साकार हुआ है। इससे सदस्यों के लिए कार्य करना सरल और सहज होगा। अब उन्हें बड़ा बैग लेकर विधान सभा नहीं आना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि तकनीक प्रदर्शन की वस्तु नहीं है। आम जनता हेतु इसे उपयोगी बनाने के लिए प्रशिक्षित होकर सकारात्मक रूप से उपयोग करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि विधान सभा में 128 नये सदस्य निर्वाचित होकर आये हैं। तकनीक से भागना नहीं, उसे अंगीकार करना चाहिए। साथ ही, तकनीक का पिछलग्गू भी नहीं बनना है। क्षेत्र की जनता से बेहतर संवाद के लिए फील्ड विजिट जरूरी है। उन्होंने कहा कि सदस्यगण अपनी सुविधा, प्रदेश के विकास तथा राज्य की 25 करोड़ जनता के कल्याण के लिए तकनीक का अधिकाधिक उपयोग करेंगे, तो प्रदेश की सम्भावनाएं मूर्तरूप लेंगी। प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप हम सभी देश की अर्थव्यवस्था में राज्य की भूमिका महत्वपूर्ण बनाने में सफल होंगे।

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