बिजली मंत्री ने पांच साल की अवधि के लिए शुरू करी 4,500 मेगावाट बिजली आपूर्ति की योजना

ऊर्जा
मंत्रालय ने पांच साल
के लिए शक्ति नीति (स्कीम फॉर हार्नेसिंग एंड अलॉटिंग कोयला ट्रांसपेरेंटली इन इंडिया) के
तहत 4,500 मेगावाट की कुल बिजली
की खरीद के लिए एक
योजना शुरू की है। बिजली
मंत्रालय की एक विज्ञप्ति
में कहा गया है, "बिजली मंत्रालय ने शक्ति नीति
के बी (v) के तहत वित्त,
स्वामित्व और संचालन (एफओओ)
के आधार पर प्रतिस्पर्धी पर
4500 मेगावाट की कुल बिजली
की खरीद के लिए एक
योजना शुरू की है।"
इसके
लिए पीएफसी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व
वाली सहायक कंपनी पीएफसी कंसल्टिंग लिमिटेड को विद्युत मंत्रालय
द्वारा नोडल एजेंसी के रूप में
नामित किया गया है। योजना के तहत पीएफसी
कंसल्टिंग लिमिटेड ने 4,500 मेगावाट की आपूर्ति के
लिए निविदा आमंत्रित की हैं। बिजली
की आपूर्ति अप्रैल 2023 से शुरू होगी।
कोयला मंत्रालय से इसके लिए
लगभग 27 एमटीपीए आवंटित करने का अनुरोध किया
गया है।
जिन
यूटिलिटी ने इस योजना
के लिए रुचि दिखाई है, वो हैं गुजरात
ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड, महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड, मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड, नई दिल्ली नगर
निगम और तमिलनाडु जनरेशन
एंड डिस्ट्रीब्यूशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड। निविदा जमा करने की अंतिम तिथि
21 दिसंबर, 2022 है।
ऐसा
पहली बार हो रहा है
कि शक्ति योजना के बी(वी)
के तहत बोली लगाई जा रही है।
साथ ही इस बोली
में मध्यम अवधि के लिए संशोधित
पीपीए (पावर परचेज एग्रीमेंट) का इस्तेमाल किया
जा रहा है। इस योजना से
उन राज्यों को मदद मिलने
की उम्मीद है जो बिजली
की कमी का सामना कर
रहे हैं और उत्पादन संयंत्रों
को अपनी क्षमता बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।