गरीबों के लिए वरदान आयुष्मान भारत योजना

प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में
आयुष्मान भारत योजना गरीब-वंचितों के लिए वरदान
साबित हो रही है।
देशवासियों को स्वास्थ्य सुरक्षा
देने हेतु चलाई गयी आयुष्मान भारत योजना के तहत अब
तक 18 करोड़ से अधिक आयुष्मान
कार्ड बनाएं जा चुके हैं।
साथ ही 3.2 करोड़ से अधिक लोगों
को हॉस्पिटल सुविधाओं का लाभ दिया
जा चुका है। मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई आयुष्मान
भारत योजना गरीबों-वंचितों के लिए वरदान
साबित हो रही है।
2014 में देश की बागडोर संभालने
के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वस्थ भारत
के सपने को साकार करने
का संकल्प लिया। इस संकल्प को
पूरा करने के लिए पिछले
8 सालों से मोदी सरकार
अथक प्रयास कर रही है।
देश में अब तक 3.28 करोड़
से अधिक लोग इस योजना का
लाभ उठा चुके हैं।
प्रधानमंत्री
मोदी ने 23 सितंबर, 2018 को झारखंड की
राजधानी रांची में इस योजना की
शुरुआत की थी। इस
योजना का उद्देश्य प्रति
परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक का मुफ़्त
इलाज माध्यमिक और तृतीयक स्वास्थ्य
सेवाओं के लिए 10.74 करोड़
से भी अधिक गरीब
और वंचित परिवारों ( या लगभग 50 करोड़
लाभार्थियों को ) मुहैया कराना जो भारतीय आबादी
का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं। मोदी सरकार इस जन आरोग्य
योजना को और सुगम
और सरल बनाने की कोशिश में
जुटी है, ताकि अधिक-से-अधिक गरीब
परिवार इसका लाभ उठा सकें।
मोदी
राज में चिकित्सा के क्षेत्र में
व्यापक सुधार किया गया है। इसी क्रम में राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा ई-संजीवनी से
देश भर में प्रतिदिन
लगभग 90,000 रोगियों को इलाज मुहैया
कराया जा रहा है।
ई-संजीवनी राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा शहरी और ग्रामीण भारत
में मौजूद डिजिटल स्वास्थ्य अंतर को समाप्त कर
रही है। यह अस्पतालों पर
बोझ को कम करते
हुए जमीनी स्तर पर डॉक्टरों और
विशेषज्ञों की कमी को
दूर करने का काम कर
रही है।स्वास्थ्य और परिवार कल्याण
मंत्रालय की राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन
सेवा ई-संजीवनी दो
माध्यम से सेवा मुहैया
कराती है। ईसंजीवनी एबी-एचडब्ल्यूसी (डॉक्टर टू डॉक्टर टेलीमेडिसिन
प्लेटफॉर्म) और ईसंजीवनीओपीडी (रोगी
से डॉक्टर टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म) मॉडल पर आधारित है
जो लोगों को उनके घरों
के पास आउट पेशेंट सेवाएं प्रदान करती है।
मोदी सरकार ने अपने पहले
ही वर्ष में यह बता दिया
कि उसकी चिंता देश ही नहीं, विश्व
जगत के स्वास्थ्य को
लेकर है। आयुष मंत्रालय के सक्रिय होने
से योग आज दुनिया भर
में एक जन आंदोलन
बन रहा है। खुद को तनावमुक्त और
सेहतमंद रखने के लिए देश
में योग करने वालों की संख्या पहले
से कहीं ज्यादा बढ़ी है। इतना ही नहीं योग
की ट्रेनिंग से जुड़े रोजगार
के अवसर भी बढ़े हैं।