बिजली मंत्रालय द्वारा कोयले के आयत हेतु दिए गए निर्देश और सख्ती से उनका पालन

देश
में बिजली की बढ़ती हुई
खपत और बिजली उत्पादन
हेतु आवश्यक कोयले की उपलब्धता को
ध्यान में रखते हुए बिजली
मंत्रालय ने सभी बिजली
उत्पादन कंपनियों (जेनको), स्वतंत्र बिजली उत्पादकों को बुधवार को
उद्देश्य के लिए समय
पर कोयले का आयात करने
का निर्देश जारी किया है.

मंत्रालय
ने यह भी कहा
कि यदि 31 मई तक जेनकोस
द्वारा सम्मिश्रण के लिए कोयले
के आयात के आर्डर
नहीं दिए जाते हैं
और यदि सम्मिश्रण उद्देश्य
के लिए आयातित कोयला
15 जून तक बिजली संयंत्रों
में पहुंचना शुरू नहीं होता
है, तो सभी डिफॉल्टर
जेनको को कोयला खुद
ही आयात करना होगा
(पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून
2022 में सम्मिश्रण उद्देश्य के लिए आयातित
कोयले की कमी को
पूरा करने के लिए)।
सभी
जेनको को सलाह दी
गई है कि वे
अक्टूबर 2022 तक अपने बिजली
संयंत्रों में पर्याप्त स्टॉक
सुनिश्चित करें ताकि सुचारू
संचालन हो सके।
मंत्रालय
ने निर्देश दिया है कि
आयातित कोयला आधारित संयंत्र चलने चाहिए और
राज्य को पिछले वर्षों
की तरह ही सम्मिश्रण
के लिए कोयले का
आयात करना चाहिए।
बीते
वर्षों की तुलना की
जाये तो राज्यों द्वारा
सम्मिश्रण के लिए कोयले
का आयात संतोषजनक नहीं
है। 2018-19 में सम्मिश्रण के
लिए कुल 21.4 मिलियन टन कोयले का
आयात किया गया, 2019-20 में,
सम्मिश्रण के लिए कुल
आयात 23.8 मिलियन टन था जबकि
2021-22 में यह अत्यधिक मात्रा
में घटकर केवल 8.3 मिलियन
टन ही रह गया।