डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ इजरायल और यूके में फाइजर की वेक्सीन का मिला जुला असर
जेरूसलम| कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर इस समय दुनिया भर में कई रिसर्च और स्टडी की जा रही है। इजरायल और यूके के नए आंकड़े फाइजर-बायोएनटेक के कोविड -19 वैक्सीन की डेल्टा वेरिएंट से लड़ने में प्रभावशीलता पर एक विरोधाभासी तस्वीर दिखा रहे हैं।
इजराइल के स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों ने संकेत दिया कि, औसतन, फाइजर-बायोएनटेक शॉट अब संक्रमण के खिलाफ सिर्फ 39 प्रतिशत प्रभावी है जबकि रोगसूचक कोविड -19 को रोकने में केवल 41 प्रतिशत प्रभावी है।
इजरायली मीडिया के मुताबिक, फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन संक्रमण के खिलाफ 90 प्रतिशत से अधिक प्रभावी थी।
इस बीच, द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में इस सप्ताह प्रकाशित यूके के एक नए अध्ययन में पाया गया कि एक ही टीका रोगसूचक कोविड को रोकने में 88 प्रतिशत प्रभावी है। इजरायल के आंकड़ों में पाए जाने वाले दर से दोगुने से अधिक है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इजराइल के शोध ने कम से कम इस बात पर सहमति जताई कि गंभीर बीमारी से बचने के लिए शॉट 91.4 प्रतिशत प्रभावशीलता पर अत्यधिक प्रभावी था।
कुछ विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि टीके की प्रभावशीलता कई कारकों पर निर्भर करती है। ये भी सवाल किया गया कि क्या बिना-टीकाकरण के बीच संक्रमण के स्तर पर एकत्रित किए गए डेटा बिलकुल सटी है। गौरतलब है कि ऐसे स्टडी के लिए ये आंकड़े बहुत महत्वपूर्ण है।
इजरायल के आंकड़े भी सुरक्षा की एक तस्वीर पेश करते है। ये टीकाकरण के बाद कमजोर प्रतिरक्षा के कारण महीनों बीतने के साथ कमजोर हो जाती है।
जनवरी में टीका लगाए गए लोगों के बारे में कहा गया था कि, उन्हें अब संक्रमण से सिर्फ 16 प्रतिशत सुरक्षा मिली है जबकि अप्रैल में टीकाकरण करने वालों में 75 प्रतिशत की प्रभावशीलता थी।