सेहत और स्वास्थ्य

कोरोना की तीसरी लहर के बीच सामने आए मंकी पॉक्स के मामले

कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर को लेकर चेतावनी दे चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन इसे लेकर पहले ही चेतावनी दे चुका है। वहीं अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र से नई समस्या सामने आ रही है। दरअसल सीडीसी अमेरिका के मुताबिक टेक्सास शहर में मंकीपॉक्स वायरस संक्रमण के मामले सामने आए है। सीडीसी ने इस मामले की पुष्टि की है। 


इससे पहले 2003 में इस तरह का मामला सामने आया था। सीडीसी के मुताबिक संक्रमित व्यक्ति ने कुछ समय पहले ही नाइजीरिया से अमेरिका की यात्रा की थी। वहीं वो व्यक्ति जिन लोगों के संपर्क में आया है उन्हें भी मंकीपॉक्स का खतरा हो सकता  है। 


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बीमारी का संबंध चिकन पॉक्स से है। ये काफी गंभीर बीमारी है। 

स्वास्थ्य एक्सपर्ट्स की मानें तो मंकीपॉक्स संक्रमण, संक्रमित जानवरों के रक्त, शारीरिक तरल पदार्थ या त्वचा के घाव के संपर्क में आने ते फैलता है। ये संक्रमण वास्तविक रूप से किस जानवर से संबंधित है इसकी जानकारी नहीं मिली है। 


ये हैं बीमारी के लक्षण


विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार मंकीपॉक्स संक्रमण छह से 13 दिनों में शुरू होता है। हालांकि कुछ लोगों में ये पांच से 12 दिनों में भी लक्षण दिखाई देता है।

इस बीमारी से संक्रमित व्यक्ति को बुखार, तेज सिरदर्द, लिम्फैडेनोपैथी, पीठ और मांसपेशियों में दर्द के साथ तेज कमजोरी का अनुभव होता है। संक्रमित व्यक्ति के हाथ पांव पर बड़े दाने हो जाते है। कुछ मामलों में सामने आया है कि व्यक्ति की आंखों के कॉर्निया पर भी इसका प्रभाव पड़ता है।


नहीं है कोई इलाज


विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो मंकीपॉक्स का कोई इलाज उपलब्ध नहीं है। चेचक के इलाज के लिए दी जाने वाली वैक्सीन को ही मंकीपॉक्स के खिलाफ सुरक्षित माना जाता है। वहीं कई स्टडी में सामने आया है कि चेचक में दी जाने वाली वैक्सीन से ही मंकीपॉक्स संक्रमण को भी रोका जा सकता है। ऐसा करने में ये 85% कारगर है।


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