बच्चों की कोविड देखभाल के लिए डॉक्टरों, नर्सों को दिया गया ऑनलाइन प्रशिक्षण
चेन्नई| कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को रोकने के लिए जरूरी है कि इससे निपटने की तैयारी अभी से की जाए। इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए इंडियन एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिक्स (आईएपी), तमिलनाडु चैप्टर ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से नर्सों और डॉक्टरों को बच्चों में कोविड-19 का प्रबंधन करने के लिए प्रशिक्षित किया है।
यह प्रशिक्षण ऑनलाइन आयोजित किया गया था। राज्य के सरकारी और निजी अस्पतालों के लगभग 10,000 स्टाफ नर्स और 3,800 बाल रोग विशेषज्ञों को अब तक बच्चों में कोविड-19 के प्रबंधन के लिए प्रशिक्षित किया गया है। आने वाली कोरोना की लहर के दौरान ये प्रशिक्षण मरीजों के इलाज में लाभकारी सिद्ध होगा।
आईएपी, तमिलनाडु चैप्टर के राज्य सचिव डॉ. के राजेंद्रन ने बताया कि हम राज्य में करीब 50,000 स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों को एक अपेक्षित तीसरी कोविड लहर से निपटने के लिए तैयार करने का लक्ष्य बना रहे हैं। अधिकतर नर्सें बाल चिकित्सा कोविड -19 मामलों को संभालने में झिझक रही हैं क्योंकि वे दवाओं के प्रति रोगी की प्रतिक्रिया पर अनिश्चित थीं।
डॉ राजेंद्रन के अनुसार, प्रशिक्षण का मुख्य पहलू नर्सों को यह समझने के लिए तैयार करना है कि बच्चों को कैसे प्रबंधित किया जाए और कब अलर्ट लाया जाए जिससे मृत्यु दर कम हो। शिक्षण कार्यक्रम में चार मॉड्यूल, ट्राई एजिंग, क्लिीनिकल प्रबंधन, रोकथाम, और बाल चिकित्सा कोविड का अवलोकन हैं।
बच्चों में अधिक मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (एमआईएस-सी) आने के साथ, इंडियन एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिक्स नर्सों और डॉक्टरों को गहन देखभाल इकाइयों (आईसीयू) में इसे संभालने के लिए तैयार करना चाहते है।
आईएपी ने पहले ही एक स्वास्थ्य कार्य बल बनाया है जो राज्य भर में स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों का समर्थन करेगा। अब एक ऑनलाइन ऐप बनाया जा रहा है। यह ऑनलाइन ऐप राज्य भर में बच्चों के वार्ड में ऑक्सीजन बेड, आईसीयू और डॉक्टरों की उपलब्धता पर डेटा देगा।
तिरुनेलवेली के एक सरकारी अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ, डॉ रमेश गौतम ने बताया कि आईएपी हमेशा बीमारियों से लड़ने के लिए नए उपाय करता रहा है और यह फिर से आईएपी की ओर से संभावित कोविड -19 महामारी की तीसरी लहर के खिलाफ लड़ने के लिए एक नई पहल है। हमें अपने विभाग में पहले ही प्रशिक्षण के साथ-साथ नर्सें भी मिल चुकी हैं।