बायो-सैटेलाइट के जरिए अंतरिक्ष में बनाए जाएंगे बच्चे

वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में बहुत सारे गर्भवती जानवरों का अध्ययन किया है, जिनमें सैलामैंडर, मछली और चूहे शामिल हैं, लेकिन मनुष्यों का नहीं। 60 से अधिक महिलाओं ने अंतरिक्ष की यात्रा की है, फिर भी यात्रा के दौरान कोई भी गर्भवती नहीं थी, शून्य गुरुत्वाकर्षण में तैरते हुए बच्चे को जन्म देना तो दूर की बात है।
लेकिन मंगल ग्रह पर भविष्य के अंतरिक्ष उपनिवेशों और शहरों की बात के साथ, एक अच्छा मौका है कि एक दिन मनुष्य पृथ्वी से परे कहीं जन्म देगा, और इससे कुछ दिलचस्प सवाल सामने आते हैं। यह कैसा होगा? अंतरिक्ष के बच्चे कैसे दिखेंगे? और आखिरकार, अंतरिक्ष में जन्म देना अलग कैसे होगा?
सबसे स्पष्ट अंतर निम्न-गुरुत्वाकर्षण वातावरण है, और पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण खिंचाव की सहायता के बिना, जब बच्चे को बाहर धकेलने का समय आता है तो यह माँ के लिए और अधिक कठिन हो सकता है। साथ ही, यदि एक दिन महिला स्थायी रूप से अंतरिक्ष में रहती है, तो गर्भावस्था के कुछ जोखिम पृथ्वी की तुलना में बहुत अधिक होंगे।
लेकिन अब ब्रिटिश वैज्ञानिक नीदरलैंड्स की एक स्पेस कंपनी के साथ मिलकर अंतरिक्ष में इंसानी बच्चे बनाएंगे। यह एक प्रकार का कृत्रिम गर्भाधान (Artificial Insemination) होगा। नीदरलैंड्स की कंपनी का नाम है स्पेसबॉर्न यूनाइटेड (Spaceborn United). कंपनी का प्लान है कि वो एक बायो-सैटेलाइट (Bio-Satellite) बनाएगी, जिसके अंदर आईवीएफ ट्रीटमेंट (IVF Treatment) के जरिए बच्चों को पैदा किया जाएगा। इन बच्चों को स्पेस बेबीज़ (Space Babies) कहा जा रहा है, यानी अंतरिक्ष के बच्चे। इस बायो-सैटेलाइट की पहली टेस्ट फ्लाइट अगले तीन महीने में होने की पूरी संभावना है। इसे कनाडा से लॉन्च किया जाएगा। स्पेसबॉर्न यूनाइटेड के डॉ. एबर्ट एडलब्रोएक ने कहा कि हमारा मकसद ये है कि हम भविष्य में अंतरिक्ष में भी सामान्य इंसानी प्रजनन की प्रक्रिया पूरी कर सके। इससे पहले हमें कृत्रिम गर्भाधान करके यह देखना होगा कि अंतरिक्ष में पैदा होने वाले बच्चे स्वस्थ हैं या नहीं। ज्यादा दिन जीवित रहेंगे या नहीं। ज्यादा दिन जीवित रहेंगे या नहीं। किस तरह की दिक्कतें हैं उनके पास।
डॉ. एडलब्रोएक ने कहा कि हम सही तरीके से अंतरिक्ष में इंसानी प्रजनन करवाना चाहते हैं। लेकिन उससे पहले हमें नैतिकता के साथ मेडिकल रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉज का इस्तेमाल करते हुए बच्चे बनाएंगे। ताकि हम अपने अंतिम लक्ष्य को हासिल कर सकें। शुरुआत चूहों के स्पर्म और एग्स से होगी।